Amritpal Singh Parole: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को मिली पैरोल, 5 जुलाई को आएगा बाहर
punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2024 - 04:41 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: खालिस्तानी संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह चार दिनों की पैरोल मिल गई है। अमृतपाल को कुछ शर्तों के साथ 4 दिनों के लिए पैरोल दी गई है, जिसकी शुरूआत 5 जुलाई से होगी। अमृतपाल सिंह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल सिंह के शुक्रवार को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की संभावना है। अमृतपाल ने हाल में पंजाब की खडूर साहिब संसदीय सीट से जीत दर्ज की है।
पांच जुलाई को सांसद के रूप में शपथ लेने की संभावना
फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि अमृतपाल के पांच जुलाई को सांसद के रूप में शपथ लेने की संभावना है। खालसा ने फोन पर कहा, ‘‘मैं बुधवार को दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने उनके आवास पर गया। उन्होंने कहा कि शपथ पांच जुलाई को दिलाई जाएगी।'' उन्होंने यह भी कहा कि अमृतपाल को शपथ लेने के लिए विभिन्न हलकों से मंजूरी और अनुमति मिल गई है। खालसा ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि उन्हें (अमृतपाल) शपथग्रहण के लिए जेल से लाया जाएगा, जो अध्यक्ष के निजी कक्ष में होगा।'' उन्होंने कहा कि बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष से राष्ट्रीय राजधानी में उनकी मुलाकात का एकमात्र एजेंडा अमृतपाल सिंह का शपथग्रहण था।
कुछ शर्तों के साथ मिली पैरोल
अमृतसर के उपायुक्त सह जिलाधिकारी घनशाम थोरी ने कहा, ‘‘अमृतपाल सिंह को कुछ शर्तों के साथ पांच जुलाई से चार दिन या उससे कम समय के लिए पैरोल दी गई है, जिसके बारे में जेल अधीक्षक डिब्रूगढ़ को सूचित कर दिया गया है।'' पैरोल के बारे में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, थोरी ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘गृह विभाग की मंजूरी के बाद जिलाधिकारी, अमृतसर द्वारा (पैरोल) प्रदान की गई।''
बीते साल 23 अप्रैल को किया था गिरफ्तार
लोकसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने वाले अमृतपाल ने खडूर साहिब सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। जालंधर जिले में वाहन और हुलिया बदलकर 18 मार्च को पुलिस की गिरफ्त से भागे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को एक महीने से अधिक समय की लंबी तलाश के बाद पिछले साल 23 अप्रैल को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया था। पंजाब पुलिस ने पिछले साल 23 फरवरी की अजनाला घटना के बाद कार्रवाई शुरू की थी।
कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे
इस घटना में अमृतपाल और समर्थक अपने एक सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए अवरोधक तोड़कर अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में स्थित थाने में घुस गए थे और वहां पुलिसकर्मियों से भिड़ गए थे। इनमें से कुछ लोगों के पास तलवार और बंदूकें भी थीं। अमृतपाल और सहयोगियों पर वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या का प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमला और लोकसेवकों को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के आरोप में कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।