यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द...पहली बार सामने आई 13 साल की बेटी, कहा- कृपया मेरी मां को रिहा कर दो
punjabkesari.in Tuesday, Jul 29, 2025 - 07:07 AM (IST)

नेशनल डेस्क: यमन की जेल में मौत की सजा काट रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जिन्हें यमन में हत्या के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी, अब एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने एक बयान जारी कर बताया है कि यमन में निमिषा प्रिया की मौत की सजा को पूरी तरह रद्द कर दिया गया है।
निमिषा प्रिया का मामला 2018 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा है। पेशे से नर्स और मूल रूप से केरल की निवासी निमिषा पर आरोप है कि उन्होंने यमन में अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या कर दी थी। आरोप के अनुसार, हत्या के बाद उन्होंने शव के टुकड़े कर उसे छिपाने की कोशिश की थी। मार्च 2018 में उन्हें दोषी ठहराया गया, और 2020 में यमन की अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई।
वहीं निमिषा प्रिया की 13 वर्षीय बेटी मिशेल पहली बार मीडिया के सामने आई। मिशेल इन दिनों यमन की राजधानी सना में है, जहां वह अपनी मां की जिंदगी बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। एक वीडियो संदेश में मिशेल ने यमन के हूती प्रशासन से भावुक अपील करते हुए कहा, "मां, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। कृपया मेरी मां को रिहा कर दो।" यह वीडियो ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और प्रसिद्ध भारतीय धर्मप्रचारक डॉ. के.ए. पॉल की उपस्थिति में रिकॉर्ड किया गया है, जो इस मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं। मिशेल के साथ वीडियो में उनके पिता थॉमस भी नजर आ रहे हैं, जो इस कठिन घड़ी में अपनी बेटी का हौसला बढ़ा रहे हैं।
VIDEO | Sanna City, Yemen: 13-year-old Mishel (centre), the daughter of imprisoned Indian Nurse Nimisha Priya, reaches Yemen to join Global Peace Initiative founder and evangelist Dr K.A. Paul to appeal to the Yemeni government for the release of her mother, who has been… pic.twitter.com/gn5ZTmm27p
— Press Trust of India (@PTI_News) July 28, 2025
क्या है मामला?
केरल की निवासी और पेशे से नर्स निमिषा प्रिया को यमन की एक अदालत ने हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है। उन पर एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप है। हालांकि इस मामले के कई मानवीय पहलू और कानूनी जटिलताएं भी जुड़ी हुई हैं, जिन्हें लेकर भारत और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं सक्रिय हैं।
इंसाफ और इंसानियत की पुकार
मिशेल की यमन यात्रा और सार्वजनिक अपील को केवल एक बेटी की गुहार नहीं, बल्कि इंसानियत और न्याय के लिए उठी आवाज माना जा रहा है। डॉ. के.ए. पॉल का कहना है कि "हम यमन के हूती प्रशासन से अपील करते हैं कि वे इस मामले में सहानुभूति दिखाएं और एक मासूम बेटी की पुकार पर ध्यान दें।" ग्लोबल पीस इनिशिएटिव की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि यमन सरकार के साथ कूटनीतिक और मानवीय स्तर पर बातचीत कर किसी तरह निमिषा प्रिया की जान बचाई जा सके।
भारत में भी बढ़ रहा है दबाव
इस मामले को लेकर भारत में भी चिंता बढ़ रही है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक हस्तियों ने सरकार से अपील की है कि वह कूटनीतिक हस्तक्षेप करे और यमन सरकार से निमिषा की सजा पर पुनर्विचार करने को कहे।