ऑस्ट्रेलिया की सांसद बनी मिसालः दुधमुंहे बेटे को गोद में लेकर दिया पहला भाषण, कहा-'' ये मेरी ताकत है'' (Video)
punjabkesari.in Sunday, Jul 27, 2025 - 06:23 PM (IST)

Queensland: ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड राज्य से नव-निर्वाचित लेबर पार्टी की सीनेटर कोरीन मुलहोलैंड ने संसद में अपनी पहली ऐतिहासिक स्पीच अपने नन्हे बेटे ‘ऑगी’ को गोद में लेकर दी। कोरीन हाल ही में मई में हुए संघीय चुनाव में क्वींसलैंड से सीनेटर चुनी गई थीं। अपनी पहली स्पीच में कोरीन ने कहा कि ऑगी उनके साथ किसी प्रतीक के तौर पर नहीं बल्कि एक ताकतवर याद दिलाने के लिए हैं कि आखिर वो संसद में क्यों हैं। उन्होंने कहा, “मैं एक पत्नी हूं, एक मां हूं और क्वींसलैंड के बाहरी उपनगर से आती हूं। ऑगी मेरे लिए एक ताकतवर प्रेरणा हैं कि मुझे हर काम परिवार और समाज के लिए ही करना है।”
Australian Labor Senator delivers parliamentary speech while holding newborn child.
— Drew Pavlou 🇦🇺🇺🇸🇺🇦🇹🇼 (@DrewPavlou) July 23, 2025
Actually very right wing and trad coded - the Aryan tribal matriarch holds newborn babe while delivering war plans to the men of the tribe.
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कोरीन ने अपनी स्पीच में कामकाजी माता-पिता की चुनौतियों और हकीकतों को संसद में खुलकर रखा। उन्होंने कहा कि कामकाजी माता-पिता सिर्फ सिद्धांत में नहीं, बल्कि संसद के अंदर भी पूरे हक से शामिल होने चाहिए। उन्होंने कहा, “माता-पिता की हकीकत में बच्चों की देखभाल, जिम्मेदारियां, भागदौड़ और कभी-कभी हंसी-मजाक और अव्यवस्था भी शामिल हैं। यही असली जिंदगी है।” कोरीन ने यह भी बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान वो सिर्फ तीन महीने के ऑगी को स्तनपान कराते हुए भी लोगों के बीच पहुंची थीं। उन्होंने संसद से अपील की कि अब वक्त आ गया है कि जो लचीलापन यहां सांसदों को मिलता है, वही लचीलापन हर कामकाजी परिवार को भी मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि माता-पिता को अपने काम के तरीकों, समय और जगह चुनने की असली आजादी मिले। यह बदलाव संसद से शुरू होना चाहिए।” कोरीन की इस भावनात्मक और सशक्त स्पीच में ऑगी ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं। हालांकि स्पीच खत्म होने से पहले ऑगी को बाकी सांसदों ने गोद में संभाला ताकि कोरीन अपनी बात पूरी कर सकें।कोरीन ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं प्रार्थना कर रही हूं कि ऑगी और मैं यह स्पीच बिना किसी व्यवधान के पूरी कर लें। भगवान भला करे!” उनकी यह तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं और लोग इसे एक नई मिसाल के तौर पर देख रहे हैं कि संसद में भी मातृत्व और जिम्मेदारियों को खुले दिल से स्वीकार किया जा सकता है।