कश्मीर की लड़कियां लिख रही हैं नई कहानी, पैरों में स्पोर्ट्स जूते पहन तोड़ रहीं रूढ़िवादी बाधाएं

punjabkesari.in Monday, Dec 04, 2023 - 04:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क. पुरुष प्रधान कश्मीरी समाज में एक मूक क्रांति सामने आ रही है क्योंकि कश्मीरी महिलाएं बाधाओं को तोड़ने के लिए अपने स्पोर्ट्स जूते पहन रही हैं। बर्फ से ढके पहाड़ों की पृष्ठभूमि में, ये महिलाएं पीढ़ियों से चली आ रही रूढ़िवादिता को चुनौती देते हुए कहानी को फिर से लिख रही हैं। नादिया निघाट एक ऐसी युवा और दृढ़ पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी हैं, जिन्होंने फुटबॉल के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक मानदंडों को चुनौती दी। वह कश्मीर की पहली और एकमात्र महिला फुटबॉल कोच हैं, जिन्होंने खेल के प्रति अपने प्यार को अपनाकर नजरिया बदल दिया है। अब उसकी नज़र बड़े लक्ष्यों पर है।

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नादिया निघाट ने कहा- गति के विचार ने मुझे बचपन में आकर्षित किया था और जम्मू में जूनियर नेशनल में मैंने जो पहला गोल किया था, वह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। जब मैंने अमर सिंह कॉलेज में फुटबॉल खेलना शुरू किया तब मैं अकेली लड़की थी और और बाकी 47 लड़के थे। पड़ोस की लड़कियों ने मुझसे बात करना बंद कर दिया और उनके माता-पिता ने मेरी बहुत आलोचना की। घर में बहुत हंगामा हुआ और यहां तक कि मेरी मां भी मेरे खिलाफ हो गईं। इसके बाद नादिया ने अपनी मां को भी मना लिया। फिर उन्होंने एक अंडर-19 लड़कों की टीम को प्रशिक्षित करने का फैसला किया, जिसने 'खेलो कश्मीर' नामक राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में भाग लिया। नादिया ने लड़कियों को प्रेरित किया, जिनके के लिए खेल पहुंच से परे था। अब जर्सी पहने लड़कियों को निडरता से अपने सपनों का पीछा करते हुए देखना श्रीनगर और घाटी में अन्य जगहों पर आम बात हो गई है। 

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बता दें बिल्किस मीर, जो अब एक ओलंपियन हैं, जिन्होंने दो दशक पहले सभी बाधाओं के खिलाफ लड़ते हुए अपनी खेल यात्रा शुरू की। कश्मीरी लड़कियों के लिए एक और प्रेरणा हैं। मीर ने अब कयाकिंग-कैनोइंग में इतिहास रच दिया है। बिल्किस मीर ने कहा- जब मैंने शुरुआत की थी, तो खेलों में बहुत कम लड़कियां थीं, लेकिन अब मैं इसमें बदलाव देखती हूं। लड़कियों को अपने करियर में हमेशा अधिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन मेरा संदेश यह होगा कि प्रतिभा कभी नहीं मरती। कड़ी मेहनत करते रहो।

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जानकारी के लिए बता दें लड़कियों की खेल गतिविधियों की तरफ केंद्र सरकार विशेष ध्यान दे रही है। घाटी में विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने से विभिन्न खेलों में महिला पंजीकरण में तेज वृद्धि देखी जा रही है।


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Content Editor

Parminder Kaur

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