CM Challan Cut: ट्रैफिक नियम तोड़ने पर नेताओं के भी कट रहे चालान... इस राज्य के CM का कटा चालान

punjabkesari.in Monday, Sep 08, 2025 - 09:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में ट्रैफिक व्यवस्था को सख्त और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। अब न पद काम आएगा, न पहचान, क्योंकि ट्रैफिक नियमों की निगरानी अब हाईटेक कैमरों और ऑटोमैटिक सिस्टम्स के हाथ में है - और मशीनों के लिए न कोई आम है, न खास।

इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) के जरिए देशभर में नेताओं से लेकर मंत्री तक, सबको ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना भुगतना पड़ रहा है। चाहे मुख्यमंत्री हों या केंद्रीय मंत्री, अब कोई भी इस डिजिटल निगरानी से बच नहीं पा रहा।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर 7 बार नियम तोड़ने का आरोप!
ताजा मामला कर्नाटक से सामने आया है, जहां मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा है। ITMS कैमरों में सात बार यह रिकॉर्ड हुआ कि वह वाहन में सफर के दौरान सीट बेल्ट नहीं पहने हुए थे। इस आधार पर कुल ₹2500 का चालान जारी किया गया, जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय ने जमा भी कर दिया। यह दिखाता है कि अब VIP पदों पर बैठे लोग भी कानून के सामने समान रूप से उत्तरदायी हैं।

 ऐसे और भी कई VIP जिनका कटा चालान
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बड़े नेताओं की गाड़ियां ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पकड़ में आ चुकी हैं:

देवेंद्र फडणवीस (महाराष्ट्र):
साल 2018 में उनकी कार को ओवरस्पीडिंग के चलते चालान का सामना करना पड़ा।

अखिलेश यादव (उत्तर प्रदेश):
हाल ही में लखनऊ में उनके काफिले की गाड़ियों पर ₹8 लाख का भारी चालान भेजा गया, ओवरस्पीडिंग के आरोप में।

मनोज तिवारी (दिल्ली):
2012 में बिना हेलमेट बुलेट चलाने पर उनका चालान काटा गया था, जो एक अभियान का हिस्सा था।

स्मृति ईरानी:
वर्ष 2017 में उनके काफिले की एक गाड़ी ने ट्रैफिक सिग्नल तोड़ा, जिसके चलते चालान जारी हुआ।

नितिन गडकरी (सड़क परिवहन मंत्री):
उन्होंने खुद संसद में स्वीकार किया था कि उनके वाहन पर भी जुर्माना लग चुका है, और यह ट्रैफिक नियमों की निष्पक्षता का उदाहरण है।

टेक्नोलॉजी की निगरानी में VIP कल्चर की छुट्टी!
नई ट्रैफिक तकनीकें जैसे AI बेस्ड कैमरा सिस्टम, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर, और रियल टाइम मॉनिटरिंग अब कानून को निष्पक्ष बना रहे हैं।

इस सिस्टम के जरिए:
VIP काफिले की स्पीड भी रिकॉर्ड हो रही है
सिग्नल तोड़ने पर तुरंत डिजिटल चालान बनता है
ड्राइवर कौन है — इससे फर्क नहीं पड़ता, गाड़ी नंबर से पूरा रिकॉर्ड निकलता है
यह बदलाव नागरिकों के लिए एक सकारात्मक संदेश भी देता है कि "कानून सभी के लिए बराबर है।"


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Content Writer

Anu Malhotra

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