…तो भारत से कट जाएंगे सात राज्य! देखें कौन-कौन सी States निशाने पर- बांग्लादेशी नेता ने भारत को घेरा
punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 01:45 PM (IST)
नेशनल डेस्क: बांग्लादेश में चुनावी सरगर्मी के बीच भारत के खिलाफ तीखा बयान सामने आया है। नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के दक्षिणी क्षेत्र के प्रमुख संयोजक बांग्लादेशी नेता हसनत अब्दुल्ला ने दावा किया कि यदि बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश की गई तो इसका असर भारत पर पड़ेगा और पूर्वोत्तर के सात राज्य देश की मुख्य भूमि से कट सकते हैं। इस भड़काऊ बयान ने न सिर्फ दोनों देशों के रिश्तों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीति को लेकर भी नई बहस छेड़ दी है।
दरअसल, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद से राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एक जनसभा के दौरान हसनत अब्दुल्ला ने दावा किया कि यदि बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश की गई, तो उसका असर सीमा के उस पार भी दिखेगा और पूर्वोत्तर भारत मुख्य भूमि से कट सकता है। उन्होंने भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों—अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा—का जिक्र करते हुए कहा कि यह इलाका भौगोलिक रूप से संवेदनशील है और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे ‘चिकन नेक’ कहा जाता है, के जरिए देश के बाकी हिस्से से जुड़ा हुआ है।
‘इंकलाब मंच’ के नाम से आयोजित एक रैली में हसनत ने आरोप लगाया कि चुनावी प्रक्रिया में दखल देने वाले तत्वों और उस्मान हादी पर हुए हमलों को भारत का समर्थन हासिल है। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर बांग्लादेशी नागरिकों की मौतों के पीछे भी भारत की भूमिका है। रैली के दौरान भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए गए, जिनके समर्थन में कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं किया गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयानबाजी बांग्लादेश में नजदीक आते आम चुनावों से जुड़ी है। चुनावी माहौल में शेख हसीना समर्थक भी सक्रिय हो गए हैं, वहीं उनके समर्थकों को ‘विदेशी एजेंट’ बताने की कोशिशें तेज हो रही हैं।
हसनत अब्दुल्ला ने आगे कहा कि बांग्लादेश की आजादी के 54 साल बाद भी देश पर बाहरी ताकतों की नजर बनी हुई है और उसे बाहर से नियंत्रित करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि शेख हसीना और उनके समर्थक धन के दम पर लोगों को अपने पक्ष में करने का प्रयास करेंगे। उनका कहना था कि जो लोग सत्ता के लिए भारत की ओर देखते हैं, वे बांग्लादेश की संप्रभुता से समझौता कर रहे हैं।
उन्होंने भारत को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर उन ताकतों को संरक्षण दिया गया, जो बांग्लादेश की संप्रभुता, मतदान अधिकार और मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करतीं, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
