माफी नहीं मांगी गई तो... बिहार CM को पाकिस्तान से मिली धमकी, जानें इसके पीछे की बड़ी वजह
punjabkesari.in Wednesday, Dec 17, 2025 - 01:27 PM (IST)
नेशनल डेस्क : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम के दौरान हुई एक घटना ने राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस को बढ़ा दिया है। यह घटना मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में हुई, जहां एक हजार से अधिक आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे थे।
महिला चिकित्सक से जुड़ा विवाद
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि जब महिला आयुष चिकित्सक नुसरत परवीन मंच पर मुख्यमंत्री से नियुक्ति पत्र ले रही थीं, तो कथित रूप से मुख्यमंत्री उनके चेहरे की ओर इशारा करते हुए हाथ बढ़ाते दिखाई दिए। इस दौरान महिला का हिजाब हटता नजर आया और वह असहज दिखाई दीं। यह क्षणिक घटना केवल औपचारिक कार्यक्रम का हिस्सा लगती थी, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद इसे व्यक्तिगत सम्मान, धार्मिक स्वतंत्रता और महिला गरिमा से जोड़कर देखा गया।
Very inappropriate behaviour by Bihar CM Nitish Kumar Ji..
— Venisha G Kiba (@KibaVenisha) December 15, 2025
He tried to remove Hijab of a girl while handing her an appointment letter.
Very shameful! pic.twitter.com/IgFj6cM1au
सोशल मीडिया और मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रियाएं आईं। कई लोगों ने मुख्यमंत्री के व्यवहार को अनुचित बताया और उनसे सार्वजनिक माफी की मांग की। कुछ यूजर्स ने कहा कि किसी की धार्मिक पहचान और निजी सीमाओं का सम्मान होना चाहिए, खासकर सार्वजनिक मंच पर। इस घटना पर मीडिया में भी व्यापक चर्चा हुई। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने रिपोर्ट प्रकाशित की और लिखा कि महिला की सहमति से पहले ऐसा कदम उठाया गया। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग तक उठने लगी।
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पाकिस्तान से धमकी और बयान
विवाद तब और बढ़ गया, जब पाकिस्तान के शहजाद भट्टी ने वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर माफी नहीं मांगी गई, तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसे भारत में उकसावे और प्रचार का प्रयास माना जा रहा है।
मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना की निंदा की और भारत सरकार से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की। उनका कहना है कि यह महिला की गरिमा, धार्मिक स्वतंत्रता और बुनियादी मानवाधिकारों से जुड़ा मामला है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि संबंधित महिला चिकित्सक से आधिकारिक स्तर पर माफी मांगी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और कानूनी उपाय किए जाएं।
