कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील को देना चाहिए इस्तीफा, पूर्व मंत्री ने उठाए सवाल; पार्टी ने थमाया नोटिस
punjabkesari.in Thursday, Jun 29, 2023 - 11:40 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं पूर्व विधायक एम. पी. रेणुकाचार्य ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील को विधानसभा चुनाव में शिकस्त की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। पूर्व मंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर पार्टी नेताओं पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा कार्यालय को कॉर्पोरेट कार्यालय में बदल दिया गया है। उन्होंने नेताओं से आत्मनिरीक्षण करने, पार्टी को मजबूत करने और लोकसभा, जिला तथा तालुका पंचायत चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
रेणुकाचार्य ने प्रश्न किया, ‘‘चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी और इस्तीफा देना चाहिए था। कुछ दिन पहले खबरें थीं कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और उसके आधा घंटे बाद खंडन का बयान आ गया। ये क्या हो रहा है?'' रेणुकाचार्य ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा के प्रति लोगों में सम्मान की भावना है लेकिन पार्टी के नेताओं को पार्टी के भीतर चीजें ठीक करनी चाहिए।
भाजपा की कर्नाटक इकाई ने पूर्व विधायक एम. पी. रेणुकाचार्य को उनकी ‘पार्टी विरोधी' टिप्पणियों को लेकर बृहस्पतिवार को ‘कारण बताओ' नोटिस जारी किया। रेणुकाचार्च को पार्टी की प्रदेश अनुशासनात्मक समिति की ओर से जारी किये गये ‘कारण बताओ' नोटिस का लिखित जवाब देने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया गया है।
रेणुकाचार्य को भेजे नोटिस में समिति के अध्यक्ष लिंगराज पाटिल ने कहा, ‘‘आपको कई बार समझाने के बाद भी आपने मीडिया के सामने राज्य और केंद्र के पार्टी नेताओं के विरुद्ध बार-बार बयान दिये, जिससे पार्टी के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हुई। प्रदेश अनुशासनात्मक समिति इसका गंभीर संज्ञान लेते हुए आपको ‘कारण बताओ' नोटिस जारी कर रही है और आपसे पूछा जा रहा है कि क्यों न आपके खिलाफ अनुसानात्मक कार्रवाई की जाए?''
नोटिस में कहा गया है, ‘‘नोटिस मिलने के एक सप्ताह के अंदर आपको लिखित जवाब देने का निर्देश दिया जाता है।'' इससे पहले रेणुकाचार्य ने आज दिन में आरोप लगाया था कि पार्टी कार्यकर्ताओं को डराया-धमकाया जा रहा है। उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कुछ नेताओं से तानाशाही रवैया छोड़ने का आह्वान किया था।