पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रभु छत्रपति बोले- वृद्धाश्रमों की आज और भविष्य में भी जरूरत
punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 01:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि स्वास्थ्य विज्ञान में तकनीकी प्रगति के कारण जीवन प्रत्याशा बढ़ी है। इसलिए बुजुर्गों को देखभाल और उन्हें लोगों का साथ प्रदान करने के लिए अधिक वृद्धाश्रमों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के पास आज संसाधन हैं, लेकिन उनके पास एक सहायता प्रणाली और उनके आसपास ऐसे लोगों की कमी है जो उनकी भावनाओं को समझ सकें और जिनके साथ वे ढलती उम्र में अपनी भावनाओं को साझा कर सकें।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर में गैर सरकारी संगठन ‘आस्था फाउंडेशन' द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित किया। महाराष्ट्र भर के 50 से अधिक वृद्धाश्रमों के सदस्य कार्यशाला में भाग ले रहे हैं, जिसका समापन शुक्रवार को होगा। अपने उद्घाटन भाषण में प्रभु ने कहा, ‘‘बुजुर्गों के लिए काम करने वाले संगठनों को एक मंच पर साथ आने और एक-दूसरे से सीखने की आवश्यकता है। जब हम सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा कर सकते हैं, तो हमें सबसे खराब प्रथाओं को भी साझा करना चाहिए ताकि उनका विश्लेषण किया जा सके और हम जान सकें कि हमें क्या नहीं करना चाहिए।''
उन्होंने गुरुकुल की प्राचीन अवधारणा को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां छात्र अपने शिक्षकों के साथ रहते थे और उनसे सीखते थे। उन्होंने कहा कि इस मॉडल को वृद्धाश्रमों तक विस्तारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जब शिक्षा की जरूरत थी, गुरुकुल शुरू हुए। अब वृद्धाश्रम की जरूरत है। वृद्धाश्रम समय की जरूरत है क्योंकि नयी तकनीकें आने के साथ जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है। आज हमें दवाइयों, मशीनों, चिकित्सा उपकरणों की जरूरत है, लेकिन सबसे बढ़कर भावनात्मक सुरक्षा की जरूरत है।''