Airforce Day: इस पायलट की कहानी जान आप भी करेंगे जज्बे को सलाम, PAK के आगे नहीं टेके थे घुटने

punjabkesari.in Monday, Oct 08, 2018 - 04:33 PM (IST)

नई दिल्लीः देशभक्ति की भावना ऐसी होती है जिसे शब्दों में बयां करने बेहद मुश्किल होता है। आप सोच रहे होंगे की आज ऐसा क्या है दरअसल आज हमारी सशस्त्र बल सेनाओं में से एक भारतीय वायु सेना दिवस है। चलिए थोड़ा पीछे चलते है कारगिल युद्ध तो आपको याद ही होगा। इस युद्ध में हमने अपने कई जवान खो दिए थे। आज आपको एक ऐसे बाहदुर पायलट की कहानी बताने जा रहे हैं जो लड़ाई के दौरान दुश्मनों को चंगुल में फंस गया था लेकिन देश के प्रति उनका लगाव इतना था कि अपने प्राणों की परवाह नहीं की और दुश्मनों को सेना की खुफिया जानकारी नहीं दी। 

पायलेट को जब दुश्मनों को तबाह करने के लिए भेजा
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट नचिकेता को कारगिल में 17000 फीट से ज्यादा की उंचाई पर मौजूद पाकिस्तान चौकियों को नष्ट करने का आदेश दिया गया था। अपने विमान MIG 27 लेकर 26 साल के नचिकेता मिशन पर चले गए उन्होंने दुश्मन के कैंप पर हमला किया इसी दौरान उनके प्लेन के इंजन में आग लग गई।  नचिकेता ने वहां से टर्बों इंजन के सहारे निकलने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहे उन्हें विमान से कूदना पड़ा।

हिफाजत के लिए जवान रखते थे अपने पास पिस्टल
पाकिस्तानी सौनिकों ने उन पर हमला किया नचिकेता पहले ही उनपर हमला कर अपनी मैगजीन खाली कर चूके थे। हिफाजत के लिए वो जवान अपने पास एक छोटी पिस्टल रखते हैं। नचिकेता ने कहा कि जहां  मैंने कवर ले रखा था, वहां पांच-छह लोग (मुझ पर) घात लगाए हैं। मैंने पहली गोली दागी और इसके बाद मैंने उन्हें रोकने की कोशिश में सारी गोलियां दाग दी, ताकि वह मेरे पास नहीं आएं।  उनके पास जो पिस्टल थी उसकी रेंज महज 25 यार्ड था जबकि उनके पास ए के 56 थी। इसलिए पक्का था कि उनकी गोलियां पाकिस्तानी सैनिकों तक नहीं जा रही थी। इतने वो दूसपी मैगजीन भरते पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें बंधक बना लिया। 

खूब किया टार्चर 
नचिकेता को बंधक बनाने के बाद उन्हें खूब टार्चर किया गया। पाकिस्तान के नार्दन लाइट इंफैन्ट्री के सैनिक बेहद क्रूर थे और उन्हें तबतक बुरी तरह पीटते रहे, जबतक उनके एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें पीछे हटने को नहीं कहा। नचिकेता ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वो लोग उन्हें मारना चाहते थे क्योंकि उनके लिए मैं एक दुश्मन था लेकिन वहां एक मैच्योर अधिकारी भी था। उसने समझा की मैं उनका बंधक हूं और मेरे साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए। अधिकारी ने उन लोगों को रोका लेकिन वो लोग काफी उग्र थे इसलिए काफी कोशिश लगी। 

जज्बें में नहीं आई कोई कमी 
नचिकेता की रिहाई के लिए भारत सरकार द्वारा की गई कोशिश के बाद उन्बें  रेड क्रॉस के हवाले कर दिया गया, जो कि उन्हें भारत वापस लेकर आई। तब राष्ट्रपति केआर और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जोरदार तरीके से उनका स्वागत किया। नचिकेता का साथ इतना कुछ होने के बाद भी उनका जज्बें में जरा सी भी कमी नहीं आई हालांकि कारगिल में इजेक्शन के दौरान उनकी पीठ में आई चोट की वजह से वो फाइटर प्लेन में तो वापसी नहीं कर पाए लेकिन अब वो विशाल Il-76 ट्रासपोर्ट विमान उड़ाते हैं। 


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Anil dev

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