बिरयानी वाले के इश्क में मां ने कर डाली हैवानियत की हदें पार, दूध में मिलाई नींद की गोली, नहीं आई मौत तो तकिए से...
punjabkesari.in Saturday, Jul 26, 2025 - 02:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क। साल 2018 का वह दिल दहला देने वाला मामला जिसमें मां अबिरामी ने प्रेम प्रसंग के चलते अपने ही दो मासूम बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था एक बार फिर सुर्खियों में है। कांचीपुरम की प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट ने इस जघन्य अपराध में अबिरामी और उसके प्रेमी मीनाची सुंदरम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जिससे उन बच्चों को इंसाफ मिल सका है। जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि "इस तरह के जघन्य अपराध के लिए उम्रकैद भी कम है।"
टिक टॉक, बिरयानी और फिर प्यार
कांचीपुरम तमिलनाडु की रहने वाली अबिरामी एक आम गृहिणी थी जिसके दो प्यारे बच्चे थे। सात साल का बेटा अजय और चार साल की मासूम बेटी। उनके पति विजय बैंक में नौकरी करते थे। अबिरामी को टिक टॉक पर वीडियो बनाना बेहद पसंद था लेकिन इसके साथ ही उसे बिरयानी खाने का भी शौक था। पास में एक मशहूर बिरयानी स्टॉल था जहां से वह अक्सर बिरयानी मंगवाती थी। यहीं से एक ऐसी कहानी शुरू हुई जिसने कई जिंदगियां बर्बाद कर दीं।
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बिरयानी डिलीवरी बॉय से हुआ प्यार, बच्चों को माना रुकावट
बिरयानी स्टॉल पर मीनाची सुंदरम नाम का एक लड़का काम करता था जो अक्सर अबिरामी के घर बिरयानी डिलीवरी करने आता। शुरुआत में ये मुलाकातें सिर्फ खाने तक सीमित थीं लेकिन धीरे-धीरे दोनों में बातचीत बढ़ी और फिर यह दोस्ती प्यार में बदल गई। अबिरामी को सुंदरम की बातें अच्छी लगने लगीं और सुंदरम को अबिरामी का साथ लेकिन इस नए रिश्ते में अबिरामी भूल गई कि वह शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। उसे लगने लगा कि उसका पति और मासूम बच्चे इस रिश्ते में रुकावट बन रहे हैं।
पति और बच्चों को रास्ते से हटाने का प्लान
जल्दी ही पति विजय को अपनी पत्नी के इस अवैध संबंध की भनक लग गई। उसने अबिरामी को सुंदरम से मिलना बंद करने की सख्त हिदायत दी। दोनों के परिवार वालों ने भी इस रिश्ते को खत्म करने के लिए समझाया लेकिन अबिरामी और सुंदरम का प्यार उस हद तक पहुंच चुका था जहां उन्हें कोई रुकावट बर्दाश्त नहीं थी। फिर दोनों ने मिलकर एक ऐसा खौफनाक फैसला लिया जिसे सुनकर किसी का भी दिल कांप जाए। उन्होंने विजय और दोनों बच्चों को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया।
मां ने ही ले ली बच्चों की जान
सितंबर 2018 की एक रात सुंदरम ने नींद की गोलियां खरीदीं। उनकी योजना थी कि पहले बच्चों को और फिर विजय को नींद की गोलियों का ओवरडोज देकर मार दिया जाए। अबिरामी ने अपने मासूम बच्चों के दूध में नींद की गोलियां मिला दीं। उसकी चार साल की मासूम बेटी ने दूध पीया और हमेशा के लिए सो गई लेकिन सात साल का बेटा अजय और पति विजय बच गए।
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अगली सुबह विजय अपने ऑफिस चला गया लेकिन अजय नींद की गोलियों के नशे में था। अबिरामी का दिल अब भी नहीं पसीजा। उसने अपने बेटे का मुंह तकिए से तब तक दबाए रखा जब तक उसकी सांसें नहीं थम गईं। एक मां जिसने अपने बच्चों को जन्म दिया उसी ने उनकी जिंदगी छीन ली।
पुलिस ने किया गिरफ्तार, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद
उस दिन विजय को ऑफिस से लौटने में देर हो गई। अबिरामी और सुंदरम ने उसे जिंदा छोड़कर ही कन्याकुमारी भागने का फैसला किया। अगले दिन जब विजय घर लौटा तो उसे अपने दोनों बच्चों की लाशें मिलीं। उसने तुरंत पुलिस को खबर दी। पुलिस ने जांच शुरू की और जल्द ही अबिरामी और सुंदरम को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने अपने गुनाह कबूल कर लिए।
24 जुलाई 2025 को कांचीपुरम की प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। अबिरामी और सुंदरम ने कोर्ट से अपनी सजा कम करने की गुहार लगाई यह देखते हुए कि वे जेल में काफी समय बिता चुके हैं लेकिन जज बीजू चेम्मल ने साफ कहा, "इस तरह के जघन्य अपराध के लिए उम्रकैद भी कम है।" कोर्ट ने दोनों को आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई जिससे उन मासूमों को न्याय मिल सका।