खुशखबरी! इस शहर में लाखों की संख्या में मिलेगा लोगों को रोजगार

punjabkesari.in Tuesday, Aug 01, 2017 - 11:25 AM (IST)

नई दिल्ली : इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2030-31 तक देश में इस्पात का उत्पादन बढ़ कर 30 करोड़ टन प्रति वर्ष पर पहुंच जाएगा और इस क्षेत्र में 11 लाख नए रोजगार के सीधे अवसर पैदा होंगे। यानी अब इस्पात क्षेत्र में नौकरियां ही नौकरियां हैं। श्री सिंह ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने 3 महीने पहले नई इस्पात नीति को मंजूरी दी है। वर्ष 2030-31 तक देश में वार्षिक इस्पात उत्पादन बढ़ेगा तथा इस क्षेत्र में सीधा रोजगार मिलेगा। इसके अलावा परोक्ष रूप से भी लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।

जी.एस.टी. के कारण कुछ स्तरों पर इस्पात उद्योग को फायदा
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में श्री सिंह ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के कारण कुछ स्तरों पर इस्पात उद्योग को फायदा हुआ है तो कुछ अन्य मुद्दे चिंता का विषय बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस्पात उद्योग के कच्चे माल को 5 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है जबकि तैयार उत्पादों को 18 प्रतिशत के स्लैब में। इससे उद्योग को फायदा हुआ है क्योंकि पहले कुछ कच्चे माल पर कुल कर तैयार उत्पादों से ज्यादा था। वहीं, प्राकृतिक गैस का जी.एस.टी. से बाहर रखा जाना, स्वच्छ ऊर्जा उपकर और महंगी बिजली इस्पात उद्योग के लिए  चिंता के विषय हैं, जिनके समाधान ढूंढे जाने की जरूरत है। श्री सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इन पर बाद में भी विचार किया जा सकता है।

सस्ते आयात से कीमतों में आई गिरावट
चीन से सस्ते इस्पात आयात कर डंप किए जाने के बारे में अन्नाद्रमुक सांसद के. अशोक कुमार के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 से 2015-16 के बीच बड़ी मात्रा में देश में सस्ते इस्पात डंप किए गए, विशेषकर चीन द्वारा। इससे इस्पात की कीमतों में गिरावट आई। इसके बाद सरकार ने फरवरी 2016 से इस्पात पर न्यूनतम आयात मूल्य लगा दिया। हालांकि बाद में आयात घटने पर न्यूनतम आयात मूल्य हटा दिया गया, लेकिन एंटी डर्मपिंग शुल्क अभी भी जारी है।

 


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