राहुल गांधी के जन्मदिन पर कांग्रेस ने छेड़ा नया चुनावी अभियान, युवाओं के लिए लगाया ''रोजगार मेला''

punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 04:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राहुल गांधी के 55वें जन्मदिन को कांग्रेस ने एक बेहद खास इवेंट बनाने की कोशिश की है। इस इवेंट का जन्मदिन मनाने के साथ- साथ आगामी चुनावों में युवाओं को कांग्रेस से जोड़ना और पीएण मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की केंद्र सरकार को घेरना है। कांग्रेस ने दिल्ली में एक रोज़गार मेले का आयोजन किया है। इसमें इसमें 100 से अधिक कंपनियों ने 5000 नौकरियों की पेशकश की, जिसमें 18,000 से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया। पार्टी का प्लान इस कार्यक्रम को देशभर के चुनावी राज्यों में भी दोहराने का है। यह कार्यक्रम कांग्रेस की 'युवा न्याय' पहल का हिस्सा है, जिसके तहत लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने अपने घोषणापत्र में युवाओं को पहली पक्की नौकरी देने का वादा किया था।

बेरोजगारी पर कांग्रेस का फोकस- 

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित यह रोजगार मेला कांग्रेस के चुनावी वादे की गंभीरता जताने का एक तरीका भी हो सकता है। संभावना जताई जा रही है कि इस मेले में कुछ युवाओं को मौके पर ही ऑफर लेटर भी दिए जाएंगे, जिससे यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस अपने वादों को लेकर गंभीर है।

कांग्रेस का यह अभियान भले ही सीधे तौर पर वोट दिलाने की गारंटी न दे लेकिन यह पब्लिसिटी के लिए एक अच्छा तरीका है और कुछ हद तक कारगर भी हो सकता है। राहुल गांधी के भाषणों में अक्सर '2 करोड़ नौकरी' का जिक्र देखने को मिलता है, जो सीधे तौर पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश होती है। मोदी और बीजेपी को रोजगार के मुद्दे पर लगातार घेरने के साथ ही, राहुल गांधी देश भर में घूम-घूम कर युवाओं के साथ संवाद भी करते हैं, उनकी समस्याओं को सुनते हैं और उनका समर्थन हासिल करने का प्रयास करते हैं।

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 रोजगार मेले की पूरी जानकारी- 

भारतीय युवा कांग्रेस की तरफ से अप्रैल 2025 में जयपुर में भी ऐसा ही एक रोजगार मेला लगाया जा चुका है। अब राहुल गांधी के जन्मदिन पर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इसका आयोजन किया गया है। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब के अनुसार, यह रोजगार मेला करीब आठ घंटे तक चलेगा। इसमें 12वीं पास युवाओं से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई कर चुके बेरोजगार युवाओं को बुलाया गया है।

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इस रोजगार मेले में ज़ेप्टो, एयरटेल, ब्लिंकिट, टाटा, एचडीएफसी बैंक, फ्लिपकार्ट, महिंद्रा और एक्सिस बैंक सहित 100 से ज़्यादा कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। ये कंपनियां युवाओं के लिए अवसर लेकर आएंगी, जिनके पास करीब 5000 रिक्तियां हो सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी चाहने वाले 10 हज़ार युवाओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा रखा है, और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी करीब 8 हज़ार हो चुके हैं। रोजगार मेले में वॉक-इन इंटरव्यू का मौका तो होगा ही, कुछ युवाओं को मौके पर ही ऑफर लेटर भी दिए जाने की उम्मीद है।

दिल्ली के बाद देशभर में रोजगार मेलों की तैयारी

दिल्ली के बाद कांग्रेस ऐसे रोजगार मेलों को देशभर में आयोजित करने की तैयारी कर रही है, ताकि आने वाले चुनावों में युवाओं से जुड़ने का एक प्रभावी माध्यम बन सके। बताया जाता है कि राहुल गांधी के जन्मदिन को खास बनाने के लिए इस रोजगार मेले में सचिन पायलट, इमरान प्रतापगढ़ी और कन्हैया कुमार जैसे युवा चेहरे भी मौजूद रहेंगे, जो युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

चुनावी राज्यों पर कांग्रेस की नजर- 

दिल्ली के बाद कांग्रेस बिहार में भी चुनाव से पहले ऐसा रोजगार मेला लगाने की तैयारी कर रही है। बिहार चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने पहले भी रोजगार और पलायन के मुद्दे पर यात्रा निकाली थी, जिसका नेतृत्व कन्हैया कुमार कर रहे थे। राहुल गांधी ने भी कन्हैया कुमार को समर्थन देने के लिए बेगूसराय जाकर यात्रा में हिस्सा लिया था। बाद में राहुल गांधी दरभंगा भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने दलित और ओबीसी छात्रों से संवाद किया। राहुल गांधी हॉस्टल में छात्रों से संवाद करना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिल पाई थी। फिर भी, जितना संभव हो सका, राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास तो हुआ ही।

कांग्रेस की कोशिश चुनावी राज्यों में कम से कम 10 ऐसे रोजगार मेले आयोजित करने की है। बिहार के बाद 2026 और 2027 में पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, गोवा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस इन सभी राज्यों में युवा वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बेरोजगारी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी।

युवा न्याय और जातीय जनगणना पर जोर

कांग्रेस की कोशिश हर हाल में युवा वोटर से जुड़ने की है। नौकरी के मौके दिए जाने के अलावा, रोजगार मेले में रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर और जातीय जनगणना पर सेमिनार का भी आयोजन होना है। काफी दिनों से राहुल गांधी के भाषणों और रैलियों में रोजगार और जाति जनगणना पर खास जोर देखने को मिला है। रोजगार मेला उसी का एक व्यावहारिक स्वरूप है, जो पार्टी की नीतियों और प्राथमिकताओं को सीधे जनता के सामने प्रस्तुत करने का काम कर रहा है।


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News Editor

Radhika

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