जेएनयू विवाद में कूदे राहुल गांधी, कहा धौंस जमा रही है मोदी सरकार

punjabkesari.in Saturday, Feb 13, 2016 - 11:38 AM (IST)

नई दिल्ली: जेएनयू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली की एक अदालत द्वारा देशद्रोह के एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को शुक्रवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। हुर्रियत कान्फ्रेंस के दोनों धड़ों ने इसकी निन्दा की और कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया। कन्हैया को संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ परिसर में कार्यक्रम आयोजित करने के मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 

 
हुर्रियत के कटटरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने एक अलग बयान में कन्हैया की गिरफ्तारी और छात्रों तथा प्रोफेसर एसएआर गिलानी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की निन्दा की।
 

राहुल ने कहा धौंस जमा रही है मोदी सरकार 
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जेएनयू जैसे संस्थान पर अपनी धौंस जमाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी सरकार और एबीवीपी जेएनयू जैसे संस्थान पर सिर्फ इसलिए धौंस जमा रहे हैं कि यह उनके अनुसार नहीं चल रहा। यह पूरी तरह से निंदनीय है। 
 
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने टवीट किया, भारत विरोधी भावना स्वीकार्य होने का कोई सवाल ही नहीं है जबकि असहमति और चर्चा का अधिकार लोकतंत्र का आवश्यक तत्व है। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे बाद राहुल की टिप्पणी आई है।
 

आतंकियों से रिश्तों की जांच कर रही है पुलिस
 
 
पुलिस ने कहा कि कन्हैया और फरार चल रहे पांच अन्य आरोपियों के आतंकवादी संगठनों से कथित रिश्तों की जांच की जा रही है। पुलिस ने दावा किया कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी को याद करने के लिए नौ फरवरी को जेएनयू परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आरोपियों ने भारत-विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस ने कहा कि अन्य आरोपियों की पहचान के लिए कन्हैया से हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
 
 
आदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन के सामने एक कंप्यूटर पर वीडियो फुटेज चलाकर दिखाया। इस पर न्यायाधीश ने कन्हैया से सवाल किया कि वे कौन सी आजादी मांग रहे थे। न्यायाधीश ने यह सवाल उस वक्त किया जब वीडियो फुटेज में कुछ लोगों को भारत से कश्मीर की आजादी की मांग की नारेबाजी करते देखा गया। इस पर कन्हैया ने कहा कि वह सभी को नहीं जानते, क्योंकि उनमें से कुछ जेएनयू के नहीं बल्कि बाहरी थे।
 
 

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