फ्लाइट में सोया था जेट एयरवेज का पायलट, संपर्क टूटा तो जर्मन फाइटर जेट्स ने भरी उड़ान

punjabkesari.in Tuesday, Feb 21, 2017 - 12:20 PM (IST)

नई दिल्ली: जर्मनी के हवाई इलाके में भारतीय जेट एयरवेज के विमान 9W 118 के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क न होने पर फाइटर जेट्स भेजे जाने से जुड़ी घटना में नया खुलासा हुआ है। इस रूट पर आगे जा रहे एक अन्य जेट फ्लाइट 9W 122 ने एटीसी के संपर्क से कटे विमान की मदद की, जिसकी वजह से उसका दोबारा से एटीसी से संपर्क हो सका। बता दें कि यह घटना बीते गुरुवार की है। प्लेन 330 यात्रियों को लेकर मुंबई से लंदन जा रहा था कि उसका एटीसी से संपर्क टूट गया। संपर्क न होने के बाद किसी संभावित खतरे के मद्देनजर जर्मनी ने अपने फाइटर जेट्स विमान के पीछे भेजे थे।

ये हुआ था
9W 118 विमान से जर्मन एटीसी का संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने दिल्ली से लंदन जा रहे जेट एयरवेज की एक अन्य फ्लाइट 9W 122 से संपर्क किया। 9W 122 विमान के  क्रू मेंबर्स ने इसकी जानकारी भारत में दी तो यहां के फ्लाइट ऑपरेशंस अधिकारियों ने सैटलाइट फोन (एयरक्राफ्ट कम्यूनिकेशन एंड अड्रेसिंग सिस्टम) का इस्तेमाल करके संपर्क से कटे विमान 9W 118 के पायलटों से संपर्क किया। सैटलाइट फोन से जानकारी मिलने के बाद विमान के पायलटों ने जर्मन एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया। इसके बाद फाइटर जेट्स लौट गए और विमान ने लंदन तक अपनी फ्लाइट पूरी की। मिली जानकारी के अनुसार संपर्क कटे विमान 9W 118 का एक पायलट 'कंट्रोल्ड रेस्ट' ले रहा था। यानि कि वह सो रहा था।

एविएशन के लिए तय मानक इस बात की इजाजत देते हैं कि एक पायलट विमान का कंट्रोल संभाले तो दूसरा आराम कर सकता है। प्लेन में जब पायलट सो रहा था तो दूसरे ने विमान के कम्यूनिकेशन सिस्टम को गलत फ्रीकवेंसी पर डाल दिया। इसके अलावा, उसके हेडसेट का वॉल्यूम भी कम था। इस वजह से पायलट का संपर्क जर्मन एटीसी से नहीं हो पाया। इसी वजह से एटीसी यूनिवर्सल इमर्जेंसी फ़्रीक्वेंसी 121.5 मेगाहर्ट्ज पर भी विमान के पायलटों से संपर्क करने में असफल रही। हालांकि, इस पूरे मामले पर जेट एयरवेज ने यही कहा कि इसकी जांच एयरलाइंस और डीजीसीए की ओर से की जा रही है।


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