अमरनाथ में ऑप्रेशन जिंदगी: बादल फटने से 16 की गई जान, करीब 40 लोग अब भी लापता...सेना का रेस्क्यू जारी

punjabkesari.in Sunday, Jul 10, 2022 - 11:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है जबकि वहां फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित किया गया है। शुक्रवार दोपहर में तंबू और सामुदायिक रसोई में बाढ़ का पानी भरने और भूस्खलन की घटना के बाद लापता लोगों की तलाश जारी है। बताया जा रहा है कि करीब 40 लोग अब भी लापता है। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 25 घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। 

 

ऑप्रेशन जिंदगी में जुटी सेना

अमरनाथ ऑप्रेशन में सेना, वायुसेना, NDRF, BSF, CRPF और ITBPके जवान जुटे हुए हैंय़ सेना के एक अधिकारी के अनुसार, पर्वतीय तलाश दल, बचाव दल और खोजी कुत्ते को खोज व बचाव अभियान में लगाया गया है। अधिकारियों ने कहा, ''शनिवार सुबह हवाई बचाव अभियान शुरू हुआ और सेना के हेलीकॉप्टरों से छह तीर्थयात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। सैन्य चिकित्सा दल नीलगरड़ हेलीपैड पर मरीजों और घायलों को निकासी के लिए ले जा रहे हैं।'' BSF की एयर विंग के एक Mi-17 हेलिकॉप्टर को सेवा में लगाया गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं। दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा, ''16 शवों को बालटाल ले जाया गया है।' 

 

अभी स्थगित रहेगी यात्रा

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक व कश्मीर रेंज के प्रभारी विजय कुमार सुरक्षा बलों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा चलाए जा रहे बचाव कार्यों की निगरानी के लिए शनिवार सुबह पवित्र गुफा मंदिर पहुंचे। उन्होंने कहा कि बचावकर्मी जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए मलबा हटा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि प्रशासन हताहतों की सही संख्या जानने के लिए तीर्थयात्रियों के आंकड़ों की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि आतंकी खतरों के मद्देनजर इस बार हर तीर्थयात्री को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड मुहैया कराया गया है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि 30 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को इस त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News