कटरा में लैंडस्लाइड के बाद मौसम बना बड़ी चुनौती, 5 नदियां उफान पर, 4 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 27, 2025 - 01:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क : जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियों और झरनों में उफान आने से कई इलाकों में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। सबसे भयावह स्थिति रियासी जिले के कटरा क्षेत्र में देखने को मिली, जहां मंगलवार को तेज़ बारिश के चलते ढलानों से चट्टानें, पेड़ और भारी पत्थर गिरने लगे। कटरा स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल की ओर जाने वाले रास्ते पर अर्धकुंवारी के पास अचानक भूस्खलन हो गया। इस हादसे की चपेट में आने से 30 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई। भूस्खलन इतना भयानक था कि रास्ते में जो कुछ भी आया, वह तेज़ बहाव में बह गया।

चार दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने कटरा और आसपास के क्षेत्रों में अगले चार दिनों तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 27 अगस्त को कटरा में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। वहीं 28 अगस्त को अधिकतम तापमान में दो डिग्री की वृद्धि की संभावना जताई गई है। 31 अगस्त तक लगातार बारिश के आसार हैं और आसमान में बादल छाए रहेंगे।

जम्मू संभाग के जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, किश्तवाड़, डोडा, रामबन, राजौरी और पुंछ जिलों में भी अगले दो दिनों तक बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। इन जिलों में बीते 24 घंटों से जारी बारिश के कारण तवी, चिनाब, उझ, रावी और बसंतर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। तेज़ बहाव के कारण कई पुल बह गए हैं और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे आम जनजीवन और यातायात व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है।

कश्मीर घाटी में भी हालात खराब
कश्मीर घाटी में भी भारी बारिश का असर दिखा। मंगलवार रातभर मूसलाधार बारिश के बाद झेलम नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। अनंतनाग जिले के संगम क्षेत्र में झेलम ने 21 फुट के बाढ़ चेतावनी निशान को पार कर लिया है। श्रीनगर के राम मुंशी बाग में जलस्तर 18 फुट के निशान से केवल दो फुट नीचे दर्ज किया गया, जो प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
जम्मू के निचले इलाकों और नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का पानी भर जाने से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। प्रशासन ने विशेष टीमें तैनात की हैं जो प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालकर अस्थायी शिविरों में पहुंचा रही हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, अचानक आई इस बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। कई पुल पूरी तरह से ढह गए हैं, जबकि दर्जनों घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठान मलबे में दब गए हैं। सार्वजनिक ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुंची है।

लोगों से सतर्क रहने की अपील
स्थानीय प्रशासन ने आम नागरिकों और श्रद्धालुओं से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। यह आपदा न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है।


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Content Editor

Shubham Anand

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