26/11अटैक: इजरायल-फ्रांस ने मुंबई आतंकी हमले के मृतकों को दी श्रद्धंजलि
punjabkesari.in Saturday, Nov 27, 2021 - 12:10 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः इजरायल व फ्रांस में मुबई आतंकी हमलों की 13वीं बरसी पर मृतकों को श्रद्धंजलि दी गई व पीड़ित परिवारों के लिए न्याय मांगा गया। इजरायल में भारतीय समुदाय ने कहा, हम पीड़ितों को किसी भी सूरत में भूलेंगे नहीं। इस्राइल में भारतीयों ने मुंबई हमले में मारे गए लोगों को याद किया और लश्कर-ए-तैयबा तथा हमले के ‘मास्टरमाइंड’ को सजा देकर जल्द न्याय दिलाने की मांग की। उन्होंने साल 2008 को हुए इस हमले को एक भयावह घटना बताते हुए आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए समन्वित प्रयास करने की मांग की।
उधर, भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने भी भयानक आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "#MumbaiAttacks 26/11 | फ्रांस इन घिनौने हमलों के पीड़ितों की स्मृति का सम्मान करता है। फ्रांस और भारत आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुटता और दृढ़ संकल्प के साथ खड़े हैं।" इजरायल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने शुक्रवार को एक वक्तव्य में कहा कि पीड़ितों को याद करने के लिए समुदाय द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करना न्याय पाने की उनकी तड़प को दिखाता है। दक्षिणी तटीय शहर ईलात में भारतीय यहूदी समुदाय के नेता इसाक सोलोमन (84) ने क्लब सितार में कहा, भारत-इस्राइल दोनों आतंक पीड़ित हैं और दोनों अपने पड़ोसियों से शांति चाह रहे हैं।
भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने शुक्रवार को हमलों में अपनी जान गंवाने वाले पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि "आज भारत और इज़राइल 13 साल पहले मुंबई में हुए भयानक आतंकी हमले की याद में शामिल हो रहे हैं, जिसमें भारतीय, यहूदी इजरायल और अंतर्राष्ट्रीय दोनों लोगों को निशाना बनाया गया था। भारत और इज़राइल के बीच कई स्मरणोत्सव समारोह होते हैं। हम आतंकी हमले के शोक में एकजुट हैं और इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इजरायल में सभी प्रमुख संस्थानों में भारतीय छात्र, भारतीय यहूदी समुदाय के सदस्यों और इजरायल में रह रहे तथा काम कर रहे भारतीयों ने 26/11 हमले की बरसी की पूर्व संध्या पर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए और आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
इन हमलों में मारे गए लोगों में छह यहूदी भी शामिल हैं। ईलात के डिप्टी मेयर स्टास बिल्किन ने भी हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता जताते हुए कार्यक्रम में भाग लिया। यरुशलम विश्वविद्यालय, हिब्रू, तेल अवीव विश्वविद्यालय, बेन गुरियों विश्वविद्यालय और हाइफा में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों ने कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन करते हुए भाग लिया। बेन-गुरियों विश्वविद्यालय में शोधकर्ता अंकित चौहान ने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि हमले के असली मास्टरमाइंड खुले में घूम रहे हैं जबकि पीड़ितों के परिवार न्याय का इंतजार कर रहे हैं। आतंकवाद और उनके प्रायोजकों को हराने के संकल्प में शांति चाहने वाले सभी देशों को एकजुट होना चाहिए। 26/11 भारत और इजरायल के बीच एक साझा दर्द है और हमें दोषियों को सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए। ’