INX मीडिया मामला: चिदंबरम अब खुद ही चाहते हैं CBI की कस्टडी में रहना, ये है वजह
punjabkesari.in Friday, Aug 30, 2019 - 10:03 AM (IST)
नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अभूतपूर्व तरीके से गुुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 2 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहने की पेशकश की। दरअसल हालात ऐसे बन रहे हैं कि ईडी भी चिदंबरम को हिरासत में लेना चाहती है और ऐसे में उनको तिहाड़ भेजा जा सकता है जिससे वे डर गए हैं और उन्होंने कोर्ट में पेशकश की कि उन्हें 2 सितंबर तक सीबीआई की कस्टडी में ही रखा जाए। चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वह शुक्रवार (30 सितंबर) तक सीबीआई की हिरासत में हैं। उन्हें आज रिमांड खत्म होने पर संबंधित निचली अदालत में पेश किया जाएगा। न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर 2 सितंबर को सुनवाई करेगी।
इसके बाद चिदंबरम ने उक्त पेशकश की। पूर्व मंत्री के प्रस्ताव पर पीठ ने कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के 20 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली चिदंबरम की याचिका पर अपना आदेश 5 सितंबर को सुनाएगी। चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी। पीठ ने चिदंबरम को गिरफ्तारी से दिए गए अंतरिम संरक्षण को भी 5 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया। चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल तथा अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से कहा कि चूंकि रिमांड के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका 2 सितंबर के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए चिदंबरम तब तक सीबीआई हिरासत में ही रहने की पेशकश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैं खुद को 2 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में रखने की पेशकश कर रहा हूं। प्रवर्तन निदेशालय को इस पेशकश में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि रिमांड को केवल निचली अदालत बढ़ा सकती है क्योंकि वहां मामला लंबित है। मेहता ने कहा कि अगर निचली अदालत में यही पेशकश की जाती है तो हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।'' आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में सीबीआई ने 15 मई 2017 को दर्ज एक प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि 2007 में वित्त मंत्री चिदंबरम के कार्यकाल में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमिततायें की गई।
जांच ब्यूरो की प्राथमिकी के बाद ईडी ने भी 2017 में धन शोधन का मामला दर्ज किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई और ईडी के मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। चिदंबरम ने दोनों ही आदेशों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। लेकिन चूंकि इसके बाद चिदंबरम की गिरफ्तारी हो गई थी, इसलिए न्यायालय ने सीबीआई के मामले में दायर अपील को निरर्थक करार देते हुए उसका निस्तारण कर दिया था।