स्कूलों में 10 लाख नवोन्मेषी विचार तैयार करने की पहल

punjabkesari.in Monday, Aug 28, 2017 - 09:14 AM (IST)

नई दिल्ली: भविष्य के लिये वैज्ञानिक तैयार करने एवं बच्चों में नवोन्मेषी विचारों को प्रोत्साहित करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच को आगे बढ़ाते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक ऐसी योजना बनाई है जिसके तहत अगले कुछ वर्षो में देश के स्कूलों के माध्यम से 10 लाख नवोन्मेषी विचार तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. हर्षवद्र्धन ने ‘भाषा’ से कहा कि विज्ञान को लोगों की समस्याओं का समाधान निकालने का वाहक होना चाहिए । हमारा उदेश्य भविष्य के लिये वैज्ञानिक तैयार करना और बच्चों में नवोन्मेषी विचारों को प्रोत्साहित करना है। इस दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय सहयोग कर रहे है।

अधिकारियों ने बताया कि हम एक ऐसी योजना को आगे बढ़ा रहे हैं जिसके तहत अगले कुछ वर्षो में 5 लाख स्कूलों में से प्रत्येक के अंदर दो नवोन्मेषी विचार तैयार करना है। इस प्रकार से 10 लाख नवोन्मेषी विचार तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।   उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छात्रों में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के जबर्दस्त पैरोकार रहे हैं और देश के विकास में ऐसे नये विचारों के महत्व पर जोर देते रहे हैं ।   हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और एचआरडी मंत्रालय ने ‘जिज्ञासा’ नामक एक अन्य परियोजना शुरू की है जिसका मकसद स्कूली छात्रों और वैज्ञानिकों के बीच सम्पर्क को बढ़ाना है और इस सम्पर्क को स्कूली कक्षा के स्तर पर जोड़ना है। इसके माध्यम से वैज्ञानिकों के सानिध्य में सुनियोजित प्रयोगशाला आधारित पठन पाठन को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत केंद्रीय विद्यालय संगठन और सीएसआईआर ने सहयोग के संबंध में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। 
 


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