पूरी दुनिया को इस भारतीय शराब ने किया मदहोश, आखिर क्या है इसमें इतना खास
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 01:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की अब न केवल देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी धूम मचा रही है। हरियाणा स्थित पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज द्वारा चार साल पहले लॉन्च की गई इंद्री (Indri) ब्रांड ने 2024 में भारत में सबसे अधिक बिकने वाली सिंगल माल्ट व्हिस्की का खिताब अपने नाम कर लिया है। इसने Glenlivet और Glenfiddich जैसे विश्वप्रसिद्ध स्कॉच ब्रांड्स को भी पीछे छोड़ दिया है।
देसी व्हिस्की की धमाकेदार एंट्री
अब तक अमरूत (Amrut) और पॉल जॉन (Paul John) जैसे पुराने ब्रांड्स का बोलबाला था, लेकिन अब इंद्री, रामपुर (Rampur) और गोड़ावण (Godawan) जैसे नए भारतीय ब्रांड्स भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इनमें इंद्री ने सबसे अधिक लोकप्रियता और बाज़ार हिस्सेदारी हासिल की है। IWSR ड्रिंक्स मार्केट एनालिसिस की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, पहली बार भारतीय सिंगल माल्ट व्हिस्की की बिक्री ने स्कॉच को पीछे छोड़ दिया। इसकी प्रमुख वजह उपभोक्ताओं में बढ़ती "नेट-प्राइड" और भारतीय ब्रांड्स की भरोसेमंद गुणवत्ता रही है। अब ग्राहक स्कॉच की जगह भारतीय सिंगल माल्ट को तरजीह दे रहे हैं।
इंद्री की जबरदस्त बिक्री
इंद्री ने अपने दूसरे ही वर्ष में 1 लाख केस की बिक्री कर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली सिंगल माल्ट व्हिस्की का रिकॉर्ड बना दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंद्री ने 599% की अभूतपूर्व वृद्धि दर दर्ज की और भारत में इसका 30% मार्केट शेयर हो गया। IWSR की रिपोर्ट बताती है कि 2024 में भारतीय सिंगल माल्ट्स की बिक्री में 25% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।
क्या है खासियत?
भारत के गर्म मौसम में हर साल बैरल में 10% या उससे ज्यादा वाष्पीकरण होता है, जबकि स्कॉटलैंड में यह दर केवल 2-3% होती है। इस कारण भारतीय सिंगल माल्ट्स को सिर्फ 5 से 8 वर्षों में ही परिपक्वता मिल जाती है, जिससे स्वाद में गहराई तो मिलती ही है, साथ ही उत्पादन में समय की भी बचत होती है। इंद्री न केवल गुणवत्ता, बल्कि पैकेजिंग और मूल्य के लिहाज से भी संतुलन बनाए रखती है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर इंद्री की पहचान
इंद्री ने वैश्विक स्तर पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। Indri Diwali Collectors Edition को Whiskies of the World Awards 2024 में गोल्ड मेडल मिला है। यह लगातार दूसरा साल है जब भारत ने इस प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता है। पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपनी IMFL (Indian Made Foreign Liquor) डिवीजन में 40% की वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज की है। कंपनी ने उत्पादन क्षमता, वेयरहाउसिंग और वैश्विक विस्तार के लिए ₹500 करोड़ से अधिक का निवेश किया है।