जिंदगी के आखिरी सफर तक हमारी पहचान एक भारतीय के तौर पर होनी चाहिए : योगी

punjabkesari.in Saturday, Dec 06, 2025 - 05:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर शनिवार को उन्हें याद करते हुए कहा कि ‘‘जन्म से लेकर जिंदगी के आखिरी सफर तक हमारी पहचान एक भारतीय के तौर पर होनी चाहिए।'' उत्तर प्रदेश होमगार्ड के 63वें स्थापना दिवस पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि आज बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का ‘महापरिनिर्वाण दिवस' है और यह एक ऐसा दिन है जो प्रेरणा देता है।

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर ने हर भारतीय को प्रेरित किया है। वह कहते थे कि हमारी पहचान मेरे परिवार, मेरी जाति, मेरे क्षेत्र और मेरी भाषा से नहीं है। बल्कि, हर भारतीय के मन में यह भावना होनी चाहिए कि जन्म से लेकर जिंदगी के आखिरी सफर तक हमारी पहचान एक भारतीय के तौर पर होनी चाहिए।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश होम गार्ड की स्थापना छह दिसंबर 1963 को हुई थी और तब से यह संगठन उत्तर प्रदेश पुलिस बल के लिए एक ‘‘अटूट सुरक्षा कवच'' और एक ‘‘मजबूत सहायक तंत्र'' बना हुआ है।

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उन्होंने कहा, ‘‘हमने अक्सर देखा कि होम गार्ड कर्मियों को नजरअंदाज किया जाता था। लेकिन, अब उन्हें राष्ट्रपति का सम्मान मिल रहा है। गृह मंत्रालय भी उन्हें पुरस्कारों से सम्मानित कर रहा है। और मैं आज यहां सम्मानित हुए सभी अधिकारियों और कर्मियों को दिल से बधाई देता हूं।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि होम गार्ड संगठन अब सिर्फ पुलिस का सहायक नहीं रहा, अब वे पुलिस के साथ कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि यातायात प्रबंधन, डायल-112 सेवाओं में और चुनाव ड्यूटी के दौरान होम गार्ड कर्मियों का सराहनीय योगदान न केवल राज्य में बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में भी साफ दिखाई देता है।

उन्होंने कहा कि फिलहाल, राज्य में आपदा प्रतिक्रिया स्वयंसेवकों की नियुक्ति की जा रही है, और होम गार्ड विभाग ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सहयोग से 4000 से अधिक होम गार्ड कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है। आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘यहां, मैं विशेष रूप से कुंभ मेला 2025 का जिक्र करना चाहूंगा, जहां 14000 से अधिक होम गार्ड कर्मियों को तैनात किया गया था, और सभी ने वहां उनकी सराहनीय सेवाओं की प्रशंसा की।'' संविधान के प्रमुख शिल्पकारों में से एक आंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी थे। छह दिसंबर 1956 में उनका निधन हो गया था।


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News Editor

Radhika

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