UAE में फांसी पर लटकाई गई भारत की शहजादी: जानें मरने से पहले क्या थी उसकी आखिरी ख्वाहिश?
punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 03:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली 33 साल की शहजादी खान को 15 फरवरी 2024 को UAE में एक बच्चे की हत्या के आरोप में फांसी दे दी गई। परिवार का कहना है कि शहजादी बेगुनाह थी और उसे साजिश के तहत फंसाया गया। वहीं मौत से पहले उससे उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई और उसने कहा कि वह अपने माता-पिता से बात करना चाहती है।
शहजादी की आखिरी कॉल
फांसी से पहले शहजादी से उसकी अंतिम इच्छा पूछी गई। उसने कहा कि वह अपने माता-पिता से बात करना चाहती है। जब फोन पर उसकी अपने परिवार से बात हुई तो उसका पहला वाक्य था –
"यह मेरी आखिरी कॉल है।"
शहजादी ने अपने भाई शमशेर से कहा –
"उन्होंने मुझसे मेरी अंतिम इच्छा के बारे में पूछा मैंने अम्मी और अब्बू से बात करने को कहा।"
इसके बाद फोन कट गया और परिवार फिर कभी उसकी आवाज नहीं सुन सका।
कैसे UAE गई थी शहजादी?
शहजादी के चेहरे पर जलने का निशान था जिससे उसका आत्मविश्वास कम था। वह हमेशा इसे हटवाना चाहती थी। इसी दौरान उजैर नाम के एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर उससे संपर्क किया। उसने UAE में प्लास्टिक सर्जरी कराने का वादा किया और शहजादी व उसके परिवार को विश्वास दिलाया कि सर्जरी से उसका चेहरा ठीक हो जाएगा। शहजादी 2021 में कानूनी वीजा पर UAE पहुंची लेकिन वहां पहुंचने के बाद उजैर ने उसे धोखा दे दिया।
क्या हुआ UAE में?
सर्जरी के नाम पर बुलाया गया लेकिन वहां उसे फैज नाम के व्यक्ति के घर घरेलू काम करने के लिए भेज दिया गया। 4 महीने के एक बच्चे की अचानक मौत हो गई। बच्चे की हत्या का आरोप शहजादी पर लगा दिया गया। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और अदालत में दोषी करार दिया गया। जिसके बाद 15 फरवरी 2024 को उसे फांसी दे दी गई।
परिवार की कोशिशें नाकाम
शहजादी के परिवार ने उसे बचाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वहीं परिवार को सोमवार को बताया गया कि फांसी की सजा पर अमल हो चुका है।
अब क्या करेगा परिवार?
बता दें कि शहजादी का अंतिम संस्कार 5 मई को किया जाएगा। परिवार अभी भी न्याय की मांग कर रहा है और कह रहा है कि शहजादी निर्दोष थी और उसे साजिश के तहत फंसाया गया था। शहजादी एक बेहतर भविष्य की उम्मीद में UAE गई थी लेकिन उसे धोखा मिला और अपनी जान गंवानी पड़ी। परिवार का मानना है कि वह निर्दोष थी लेकिन साजिश का शिकार हो गई।