महबूबा मुफ्ती का दावा, कहा- भारत के ‘विश्वगुरु'' बनने का रास्ता जी-20 से नहीं दक्षेस से होकर गुजरता है
punjabkesari.in Sunday, May 14, 2023 - 08:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य की आखिरी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि आगामी जी-20 बैठक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक ‘अच्छी प्रचार कवायद' हो सकती है, लेकिन भारत को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) का शिखर सम्मेलन आयोजित करने और क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा करने से ही ‘विश्वगुरु' बनने में मदद मिलेगी। महबूबा 22 से 24 मई तक श्रीनगर में पर्यटन पर जी-20 समूह की बैठक की तैयारियों पर ‘पीटीआई-वीडियो' से बात कर रही थीं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव के बीच, काठमांडू में 2014 की बैठक के बाद से द्विवार्षिक दक्षेस शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जी-20 के सदस्य देश- ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका या जापान, के करीब नहीं रहते हैं। हम इस क्षेत्र में रह रहे हैं और दक्षेस इस क्षेत्र की समस्याओं का ध्यान रखता है। यदि सरकार पहल करती है और दक्षेस शिखर सम्मेलन होता है तथा पाकिस्तान में जो कुछ हो रहा है, उसके साथ-साथ इस क्षेत्र द्वारा सामना की जा रही समस्याओं का समाधान होता है तो इससे भारत को इस क्षेत्र में ही नहीं, दुनिया में अग्रणी बनने में मदद मिलेगी।''
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, लेकिन सरकार को यह समझना होगा कि रास्ता दक्षेस से होकर जाता है, न कि जी-20 से। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद कश्मीर में आयोजित होने वाली जी-20 की बैठक पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक होगी। मुफ्ती ने कहा, ‘‘जहां तक जी-20 का संबंध है, इसे भाजपा का एक कार्यक्रम बना दिया गया है, क्योंकि यहां तक कि ‘लोगो' को भी कमल से बदल दिया गया है।
यह पार्टी के लिए एक तरह का अच्छा प्रचार हो सकता है और जहां तक जम्मू-कश्मीर का संबंध है आपने देखा है, खासकर घाटी में, किस तरह से कार्रवाई हो रही है...।'' हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किसी भी मनमानी से इनकार करते हुए कहा कि केवल उन्हीं लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनके खिलाफ देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के डिजिटल सबूत हैं। महबूबा ने कहा कि जी-20 ‘‘भाजपा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अच्छा प्रचार कवायद हो सकती है लेकिन यह भारत को 'विश्वगुरु' नहीं बनाने जा रहा है, जिसके बारे में वे बात करते हैं।''