भारत की पहली महिला महावत, इनपर बन चुकी है ‘क्वीन ऑफ द एलीफैंट्स’ डॉक्यूमैंट्री

punjabkesari.in Sunday, Mar 24, 2019 - 01:03 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पार्वती बरुआ भारत में पहली महिला महावत हैं जिन्होंने छोटी उम्र में ही हाथियों को प्रशिक्षित करने में महारत हासिल कर ली थी। उनके परिवार का संबंध असम के शाही परिवार से था और उनके पिता जमींदार थे जो अपने काम में हाथियों का भी इस्तेमाल किया करते थे। अक्सर वह जंगलों में लम्बे कामों के दौरान अपने परिवार को साथ ले जाया करते थे। वहां वे हाथियों के बीच शिविरों में रहा करते थे। बचपन में ही हाथियों के करीब रहने वाली पार्वती को जल्द ही महसूस हो गया कि वास्तव में वह जंगलों में हाथियों के साथ ही काम करना चाहती हैं। बेशक उनसे पहले तथा आज भी इस काम में पुरुषों का ही वर्चस्व है परंतु उन्होंने अपनी लगन तथा मेहनत से भारत की पहली तथा शायद एकमात्र महिला महावत होने का गौरव प्राप्त किया।
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उन्होंने 14 साल की कम उम्र में ही पहले जंगली हाथी को पकड़ा था जो बेहद कठिन होता है। किसी जंगली हाथी को काबू करने के लिए अन्य हाथी पर सवार होकर रस्सी को उसके गले में डालना होता है। अब लगभग 65 साल की हो चुकी पार्वती ने अपनी ज्यादातर जिंदगी जंगलों में हाथियों के साथ ही गुजारी है। अपने तीन प्रशिक्षित हाथियों तथा टीम के साथ वह विभिन्न राज्यों में हाथियों के संंबंध में मदद करने जाती हैं। उन्हें जंगली हाथियों को पकड़ने या गांवों से उन्हें जंगलों में खदेड़ने के लिए अक्सर बुलाया जाता रहा है।दूर-दराज के जंगलों में कुदरती ढंग से ही जिंदगी गुजारनी पड़ती है और वह इस काम में भी जल्द ही माहिर हो गई थीं। कई साल पहले उन पर एक डॉक्यूमैंट्री फिल्म ‘क्वीन ऑफ द एलीफैंट्स’ भी बनाई गई थी जिसके बाद वह दुनिया भर में मशहूर हो गई थीं। इसी नाम से एक किताब भी लिखी जा चुकी है। हाथियों के संरक्षण की दिशा में योगदान के लिए भी उन्हें कई बार सम्मानित किया गया है।
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एक्शन-एडवैंचर फिल्म ‘जंगली’ में पूजा सावंत का रोल विद्युत जामवाल की अगली एक्शन-एडवैंचर फिल्म ‘जंगली’ में अभिनेत्री पूजा सावंत भी हाथियों के एक झुंड के साथ नजर आने वाली है। इसी फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखने जा रही पूजा हाथियों की महावत शंकर के रोल में नजर आएगी, तो वहीं दूसरी अभिनेत्री आशा भट्ट एक वन्यजीव पत्रकार की भूमिका निभाएगी। पूजा बताती है कि फिल्म में उसकी भूमिका भारत में एकमात्र महिला महावत पर ही आधारित है और उस जैसी पशु प्रेमी के लिए मायानगरी में इससे बेहतर शुरूआत और कोई नहीं हो सकती थी। वह कहती है, ‘‘मैंने सड़कों से कई आवारा कुत्तों और बिल्लियों को बचाया है। फिल्म की कहानी गजब की होने के अलावा मुझे इस बात की भी खुशी थी कि इसकी शूटिंग के दौरान मुझे इतने सारे जानवरों के करीब रहने और उनसे मिलने का अवसर मिलेगा।’’ पूजा मराठी सिनेमा का जाना-पहचाना चेहरा है जहां वह ‘पोस्टर ब्वॉयज’, ‘दगड़ी चौल’ तथा ‘सतरंगी रे’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुकी है। फिल्म की शूटिंग के दौरान हाथियों के साथ काफी वक्त बिताने के बाद अब उनके बारे में उसकी जानकारी भी काफी बढ़ गई है। वह कहती है, ‘‘आपको कभी हाथी की आंखों में आंखें डाल कर नहीं देखना चाहिए क्योंकि वे इसे चुनौती के रूप में लेते हैं।’’


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Seema Sharma

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