यूक्रेन युद्ध के बावजूद, भारत का उपभोक्ता बाजार है दुनिया में सबसे मजबूत
punjabkesari.in Saturday, May 10, 2025 - 11:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत, जो 150 करोड़ से ज्यादा आबादी वाला देश है, इस समय दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन चुका है। हाल ही में भारत की तेजी से बढ़ती हुई रिटेल मार्केट और विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि ने यह साबित कर दिया है कि भारत एक मजबूत और आकर्षक उपभोक्ता बाजार के रूप में उभरा है। इसके पीछे वजहें कई हैं, जैसे भारत की बढ़ती मध्यवर्गीय आबादी, बढ़ती डिस्पोजेबल आय, और ऑनलाइन शॉपिंग में बढ़ते रुझान। इसके अलावा, यूक्रेन-रूस युद्ध और इजराइल-गाजा संघर्ष ने दुनिया के बाजारों पर असर डाला है, लेकिन भारत की आर्थिक स्थिति अभी भी सकारात्मक बनी हुई है।
भारत में विदेशी निवेशकों का विश्वास
अमेरिकी निवेश फर्म टीपीजी द्वारा भारत में 2 अरब डॉलर का निवेश इस बात का प्रतीक है कि विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में अभी भी अपार संभावनाएँ नजर आ रही हैं। जबकि दुनिया के कई हिस्सों में मंदी का असर हो रहा है, भारत में आर्थिक वृद्धि की गति जारी है। जानकारों का मानना है कि भारत का उपभोक्ता बाजार सबसे तेजी से बढ़ रहा है, और इसके कारण निवेशकों को उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। विशेष रूप से, मिडिल क्लास की बढ़ती क्रय शक्ति और ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में हो रही वृद्धि ने भारत को विदेशी निवेशकों के लिए एक उपयुक्त स्थल बना दिया है।
भारत-पाकिस्तान तनाव का असर और निवेशकों का दृष्टिकोण
हालांकि, यदि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होती है तो इससे भारतीय बाजार में कुछ समय के लिए मंदी हो सकती है। फिर भी, विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय सरकार की तरफ से इस तनाव को कम करने के प्रयासों और शांति के लिए भारत की भूमिका ने विदेशी निवेशकों का भरोसा बनाए रखा है। इन निवेशकों का मानना है कि भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को सही तरीके से संभालने में सक्षम है।
भारत में बढ़ते विदेशी निवेश और विदेशी कंपनियां
भारत में इस समय 5,000 से ज्यादा विदेशी कंपनियाँ काम कर रही हैं, जिनमें बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ और इम्पोर्टेड सामान बेचने वाली कंपनियाँ शामिल हैं। इनमें एप्पल, टोयोटा, सैमसंग, एडिडास, और रीबॉक जैसी कंपनियाँ शामिल हैं। भारत में इन कंपनियों के द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों में स्मार्टफोन्स, फैशन, फिटनेस उपकरण, और होम एप्लायंसेज जैसे सामान शामिल हैं। इन कंपनियों ने भारत में अपना उत्पादन भी शुरू कर दिया है, जैसे एप्पल ने भारत में अपने स्मार्टफोन का निर्माण शुरू किया है।
हथियारों की बिक्री और भारत का बढ़ता कंज़्यूमर मार्केट
भारत की बढ़ती शक्ति और स्थिरता के कारण, अब युद्ध के सामानों की बिक्री में भी भारत का बड़ा हिस्सा बन चुका है। इजराइल, अमेरिका, रूस, और चीन जैसे देशों से हथियार और गोला-बारूद के बड़े ऑर्डर भारत से मिल रहे हैं। यूक्रेन युद्ध के कारण, जहां हथियारों की सप्लाई प्रभावित हो रही है, भारत ने अब एक प्रमुख हथियार खरीदीकर्ता के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। इन सभी कारणों से भारत दुनिया भर के निवेशकों और कंपनियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
शेयर बाजार में गिरावट का असर और व्यापारियों की चिंता
हालांकि, हाल ही में भारत के शेयर बाजार में गिरावट देखी गई है। सेंसेक्स में 1541 अंक की गिरावट और निफ्टी में 433 अंक की कमी आई है। यह गिरावट भारत के कॉरपोरेट सेक्टर के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। लेकिन, निवेशक इस गिरावट को अस्थायी मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही बाजार में सुधार होगा। यदि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है तो निश्चित रूप से इससे शेयर बाजार पर और असर पड़ेगा, लेकिन फिलहाल व्यापारियों की प्राथमिकता शांति बनाए रखना है।