ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार साथ दिखेंगी भारत-पाक सेनाएं, रूस में चल रहा बड़ा प्लान
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 07:18 PM (IST)

International Desk: चार महीने पहले हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान की सेनाएं एक साथ दिखाई देंगी। यह मौका रूस में होने वाली मल्टीनेशन मिलिट्री एक्सरसाइज ‘ZAPAD 2025’ का है, जो 1 से 17 सितंबर तक चल रही है। इसमें भारत, पाकिस्तान, रूस और चीन समेत कुल 20 देशों की सेनाएं हिस्सा ले रही हैं।भारतीय सेना का 70 सदस्यीय दल 9 सितंबर को रूस के लिए रवाना होगा। यह दल सीधे ‘ZAPAD 2025’ युद्धाभ्यास में शामिल होगा। यह खास इसलिए भी है क्योंकि साल 2021 के बाद पहली बार रूस इतने बड़े स्तर पर कोई मल्टीनेशन एक्सरसाइज आयोजित कर रहा है। फरवरी 2022 से रूस की सेना यूक्रेन युद्ध में व्यस्त रही, जिस कारण पिछले चार साल से कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय अभ्यास नहीं हो सका था।
20 देशों की सेनाओं का जमावड़ा
इस बार युद्धाभ्यास में जिन देशों की सेनाएं हिस्सा लेंगी उनमें भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन, मध्य एशियाई देश (कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान) अन्य सहयोगी राष्ट्र शामिल हो रहे हैं।। माना जा रहा है कि यह अभ्यास मुख्य रूप से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों पर आधारित है।
भारत-पाक सेनाएं अलग ग्रुप में
रिपोर्ट्स के अनुसार, अभ्यास में हिस्सा लेने वाले देशों की सेनाओं को दो अलग-अलग ग्रुप में बांटा जाएगा। भारत को संभवतः रूस के नेतृत्व वाले ग्रुप में शामिल किया जाएगा। पाकिस्तान को चीन के ग्रुप के साथ रखा जा सकता है।इस तरह दोनों देश एक ही युद्धाभ्यास में तो होंगे, लेकिन आमने-सामने सीधे सहयोग करते दिखाई नहीं देंगे।
2018 की यादें ताज़ा
- 2018 में पहली बार भारत और पाकिस्तान की सेनाएं रूस के चेबरकुल (चेल्याबिंस्क प्रांत) में हुए एससीओ एक्सरसाइज में साथ आई थीं।
- यह 1947 के बाद का पहला साझा युद्धाभ्यास था।
- उस समय दोनों देशों के बीच सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और उड़ी हमले के बाद भारी तनाव था। इसके बावजूद रूस ने दोनों को एक मंच पर लाकर संबंधों में जमी बर्फ पिघलाने की कोशिश की थी।
भारत की मिलिट्री डिप्लोमेसी
भारत इस समय कई बड़े अभ्यासों में भाग ले रहा है जिनमें अलास्का (1-14 सितंबर 2025) अमेरिका के साथ युद्ध अभ्यास (द्विपक्षीय एक्सरसाइज)। मिस्र (ब्राइट स्टार 2025): मल्टीनेशन अभ्यास जिसमें भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों शामिल। इसे मिस्र और अमेरिकी सेंट्रल कमांड मिलकर करवा रहे हैं। अब रूस ( ZAPAD 2025): जहां भारत और पाकिस्तान एक ही मंच पर होंगे।
इस अभ्यास की अहमियत
- भारत और पाकिस्तान का साझा मंच: ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों सेनाओं का पहला इंटरनेशनल अपीयरेंस।
- रूस की भूमिका: यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को की डिप्लोमैटिक एक्टिविटी को नई दिशा।
- चीन और पाकिस्तान की साझेदारी: चीन के साथ पाकिस्तान की सैन्य मौजूदगी भारत के लिए अहम संकेत।
- ग्लोबल पावर बैलेंस: अमेरिका, रूस और चीन-तीनों ध्रुवों के बीच भारत का बढ़ता महत्व।
यह मल्टीनेशन अभ्यास न सिर्फ सैन्य रणनीति और ताकत का प्रदर्शन होगा, बल्कि यह बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों की झलक भी देगा। दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि भारत और पाकिस्तान का एक ही मंच पर होना एशियाई क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए क्या मायने रखता है।