भारत को 16 महीनों से जिस समय का था इंतजार आखिरकार वो घड़ी आ गई, अब पाकिस्तान और चालबाज चीन की उड़ेगी नींद
punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 04:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत की अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अगस्त की शुरुआत एक अच्छी खबर के साथ हुई है। जुलाई 2025 में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (विनिर्माण क्षेत्र) ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI इंडेक्स जुलाई में 59.1 पर पहुंच गया है, जो पिछले 16 महीनों में सबसे ऊंचा स्तर है। यह लगातार दूसरा महीना है जब PMI 58 के ऊपर बना हुआ है। जून में यह आंकड़ा 58.4 था, जबकि जुलाई में इसमें और बढ़त देखी गई।
क्या होता है PMI इंडेक्स?
PMI यानी Purchasing Managers’ Index वह आर्थिक संकेतक है, जो बताता है कि देश के विनिर्माण क्षेत्र में विस्तार हो रहा है या गिरावट।
- 50 से ऊपर का मतलब है विकास
- 50 से नीचे का मतलब होता है संकुचन
मजबूत ऑर्डर और उत्पादन से मिली तेजी
HSBC की चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग में यह बढ़त नई ऑर्डर्स और उत्पादन में तेजी की वजह से हुई है। जुलाई में कुल बिक्री की रफ्तार पिछले 5 सालों में सबसे तेज रही। इससे यह भी संकेत मिला है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां आगामी 12 महीनों में उत्पादन बढ़ाने को लेकर आश्वस्त हैं।
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उत्पादन और बिक्री ने पकड़ी रफ्तार
HSBC के सर्वे में सामने आया कि जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ मार्च 2024 के बाद से सबसे तेज रही।
- कुल बिक्री में बड़ी तेजी
- नई डील्स और डोमेस्टिक ऑर्डर्स में इज़ाफा
- निर्यात में भी हल्की तेजी दर्ज की गई
लागत और महंगाई बनी चुनौती
हालांकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कच्चे माल की लागत में तेजी से इजाफा हुआ है।
- एल्यूमिनियम, चमड़ा, रबर और स्टील जैसी चीजों के दाम बढ़े
- इस वजह से उत्पादन लागत और फिनिश्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई
उच्च मांग की वजह से कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़े, लेकिन इसका असर फिलहाल मांग पर नहीं पड़ा है।
फ्यूचर आउटलुक कैसा है?
सर्वे के अनुसार, भारत की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां आने वाले महीनों में और तेज़ ग्रोथ की उम्मीद कर रही हैं। हालांकि, समग्र सकारात्मक भावना पिछले तीन वर्षों की तुलना में थोड़ी कमजोर बनी हुई है।
किस आधार पर बनता है यह आंकड़ा?
HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI, S&P Global द्वारा तैयार किया जाता है। यह आंकड़ा करीब 400 विनिर्माण कंपनियों के जवाबों के आधार पर तैयार होता है, जिनसे नए ऑर्डर्स, उत्पादन, स्टाफिंग, कीमतों और इन्वेंटरी से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।
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