भारत में यहां छिपा है कुबेर का खजाना
punjabkesari.in Monday, Nov 09, 2015 - 09:26 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत के ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां हज़ारों करोड़ का खजाना छुपा हुआ होता है। कहीं खंडरों के अदर खजाना छिपे होने की बात होती है तो कहीं झील के अंदर। आज हम आपको उन इलाकों से रु-ब-रु करवाएंगे जहां हजारों का खजाना छिपा हुआ है।
नालंदा की गुफा
नालंदा में मौजूद सोन भंडार गुफा को सोने को सहेजने के लिए बनाया गया था। यहां चट्टान को काटकर दो कमरे बनवाए गए थे और गुफा के पहले कमरे में सिपाहियों के रुकने की व्यवस्था थी। दूसरे कमरे में खजाना छुपा था। इस कमरे को पत्थर की एक बड़ी चट्टान से ढंका गया है। जिसे आजतक कोई नहीं खोल पाया। कहा जाता है कि अंग्रेजों ने इस गुफा को तोप के गोले से उड़ाने की कोशिश की थी लेकिन वे इसमें नाकामयाब रहे थे।
अलवर का खजाना
अलवर जिले के बाला किला के नाम से मशहूर ऐतिहासिक पर्यटन स्थल में बड़ी मात्रा में खजाना छिपा हुआ है जिसको ढूंढना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। खजाना को देखते हुए इस किले पर 24 घंटे पुलिस की निगरानी रहती है और किले के शस्त्रागार और तहखाने को सील कर दिया गया है। और किले के इस हिस्से में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नही करने दिया जाता है।
हैदराबाद का खजाना
हैदराबाद में जैकब नाम का हीरा विश्व का सातवां सबसे बड़ा अनकट हीरा है और यह करीब 185 कैरेट का है। यानी दुनिया के सबसे कीमती माने जाने वाले कोहिनूर हीरे से भी आकर और प्रकार मैं दोगुना। इस हीरे को हैदराबाद के छ्ठे निजाम महबूब अली खान के पास एक यहूदी व्यापारी जैकब लेकर आया था। निज़ाम को ये इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे तत्काल बिना किसी मोल भाव के खरीद लिया और उसे उसी का नाम देकर अपने पास रख लिया। निजाम के शानों शौकत के प्रतिक कई हीरों और 173 तरह के आभूषणों को साल 1995 में एक समझोते के बाद केंद्र सरकार ने महज 218 करोड़ रूपये में खरीद लिया था। हालांकि इन सभी आभूषणों की कीमत उस वक्त भी करीब 2000 करोड़ रूपये के आस पास थी।
पाटन का खजाना
गुजरात के पाटन का भेमोसन अपने आप में 400 साल का इतिहास समेटे हुए है। भेमोसन से डेढ़ किलोमीटर दूर भगवान शिव का मंदिर है, उसी के पास बनी है एक समाधि। पाटन का सोवन परिवार ये दावा करता है कि उनकी तीन-तीन पीढिय़ों ने इसी समाधि के नीचे खजाने दबाया हुआ है। परिवार दावा करता है कि उनके पूर्व इंडोनेशिया और मिस्र से इस खजाने को लाए थे।