कनाडा निज्जर विवाद में श्रीलंका-बांगलादेश ने दिया भारत का साथ, कहा- हमें आप पर यकीन और गर्व
punjabkesari.in Tuesday, Sep 26, 2023 - 01:04 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः खालिस्तानी आंतकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद में अब पड़ोसी देशों श्रीलंका और बांगलादेश का रुख सामने आ गया है। दोनों देशों ने कहा कि हमें भारत पर यकीन है और गर्व भी। श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने इस मामले में भारत का साथ दिया है। अली साबरी ने कहा कि कनाडा ने भारत के खिलाफ बिना सबूत आरोप लगाए हैं। विदेश मंत्री ने समाचार ANI से चर्चा में कहा, “कनाडा, भारत विरोधी आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना बन गया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना सबूत भारत पर आरोप लगाए हैं। ऐसा करना उनकी आदत बन गया है।” इस बीच, भारत में निवर्तमान श्रीलंकाई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने कहा है कि कनाडा के आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया दृढ़ और दो टूक रही है और कोलंबो इस मामले पर नई दिल्ली का समर्थन करता है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों को आतंकवाद के कारण नुकसान हुआ है और उनका देश आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस रखता है। भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि भारत की प्रतिक्रिया बिल्कुल सटीक रही है।
हम इस मामले में भारत का समर्थन करते हैं। मैं 60 साल का हूं, अपने जीवन के 40 साल, हमने श्रीलंका में आतंकवाद के विभिन्न रूपों का सामना करते हुए बिताए हैं। मैंने आतंकवाद के कारण कई दोस्तों और सहयोगियों को खो दिया है। किसी भी रूप में आतंकवाद का समर्थन नहीं किया जा सकता है।” बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए.के अब्दुल मोमेन ने कहा कि भारत पर उन्हें गर्व है और भारत कभी ओछी हरकत नहीं करता है। समाचार एजेंसी एनएनआई से उन्होनें कनाडा की ओर से भारत पर लगाए गए आरोपों पर कहा, "ये बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि मैं इस मामले पर टिप्पणी कर सकूं, लेकिन हमें भारत पर गर्व है, वे ऐसी हरकत नहीं करते हैं। भारत के साथ हमारे बहुत ठोस संबंध हैं जो मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित हैं। यह एक दुखद प्रकरण है और मुझे उम्मीद है कि यह सौहार्दपूर्ण तरीके से समाप्त होगा।"
इस बीच कनाडाई नेता लिबरल पार्टी के नेता और सांसद चंद्र आर्या ने भी ट्रूडो को लताड़ा। उन्होंने सवाल किए थे क्या कोई श्वेत वर्चस्ववादी किसी नस्लीय कनाडाई के किसी समूह पर हमला करता तो बच जाता? लेकिन खालिस्तानी नेता कनाडा में बच जाता है। चंद्र आर्या ने एक वीडियो के जरिए कहा, कनाडा में एक बड़ा सिख वर्ग खालिस्तान आंदोलन का समर्थन नहीं करता है। ज्यादातर कनाडाई सिख कई वजहों से खालिस्तान आंदोलन की सार्वजनिक तौर से आलोचना नहीं कर सकते हैं, लेकिन वे "पारिवारिक संबंधों और साझा सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों के जरिए से" कनाडाई हिंदू समुदाय के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं।