पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा जवाब: थरूर बोले- 'आतंक को मिट्टी में मिलाया, अब दुनिया भी एकजुट हो'
punjabkesari.in Sunday, May 25, 2025 - 09:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले का संयमित और संतुलित तरीके से जवाब दिया। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। थरूर ने दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया।
भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक भाषण देते हुए श्री थरूर ने बताया कि 9/11 स्मारक पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का दौरा उनका पहला पड़ाव था। उन्होंने कहा, यह हमारे लिए बहुत ही मार्मिक क्षण था लेकिन इसका उद्देश्य यह भी था कि हम एक ऐसे शहर में हैं जो अपने ही देश में हुए एक और आतंकवादी हमले के मद्देनजर उस क्रूर आतंकवादी हमले के निशानों को अभी भी झेल रहा है।
श्री थरूर ने कहा, हम यह याद दिलाने के लिए आए हैं कि यह एक साझा समस्या है लेकिन पीड़ितों के साथ एकजुटता की भावना से भी... यह एक वैश्विक समस्या है यह एक अभिशाप है और हम सभी को एकजुट होकर इससे लड़ना चाहिए।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य: वैश्विक समुदाय को संदेश
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए, श्री थरूर ने कहा, हमारा विचार उन सभी देशों में जनता और राजनीतिक विचारों के एक वर्ग से बात करना है जहां हम जा रहे हैं हाल की घटनाओं के बारे में जो स्पष्ट रूप से दुनिया भर में कई लोगों को परेशान करती हैं। मूल अंतर्निहित समस्या बनी हुई है और यह महत्वपूर्ण है कि हम जो कुछ हो रहा है उसके बारे में हमारी सोच और हमारी चिंता के बारे में आपकी समझ को बढ़ाने का प्रयास करें।
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उन्होंने आगे कहा, यह हमारे लिए एक अवसर है कि हम हर देश में कार्यपालिका के सदस्यों से मिलेंगे विधानमंडल के सदस्यों से मिलेंगे बड़े नीति निर्माताओं और प्रभावशाली विदेश नीति विशेषज्ञों से मिलेंगे और साथ ही इन सभी जगहों पर मीडिया और जनमत से बातचीत करेंगे।
पहलगाम हमले का मकसद और भारत की एकजुटता
पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले का वर्णन करते हुए श्री थरूर ने कहा, यह लोगों का एक समूह था जो अपने से पहले के लोगों के धर्म की पहचान कर रहा था और उसी आधार पर उन्हें मार रहा था, जिसका स्पष्ट उद्देश्य शेष भारत में प्रतिक्रिया को भड़काना था क्योंकि पीड़ित मुख्य रूप से हिंदू थे। उन्होंने भारतीय समाज के विभिन्न उदाहरण दिए कि कैसे जम्मू और कश्मीर में राजनेताओं से लेकर नागरिकों तक लोग एकजुटता के साथ सामने आए।
लोगों ने जिस धार्मिक और अन्य विभाजन को भड़काने की कोशिश की है उससे परे असाधारण मात्रा में एकजुटता थी। संदेश बहुत स्पष्ट है कि एक दुर्भावनापूर्ण इरादा था... दुख की बात है कि भारत के पास इस पर संदेह करने का कोई कारण नहीं था कि यह कहाँ से आया।
पाकिस्तान का इनकार और भारत का निर्णायक जवाब
आगे की जानकारी देते हुए श्री थरूर ने बताया कि इस अत्याचार के एक घंटे के भीतर रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक समूह ने इसकी जिम्मेदारी ले ली। रेजिस्टेंस फ्रंट को कुछ वर्षों से प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन माना जाता था जिसे अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समितियों ने आतंकवादी घोषित किया है। थरूर ने कहा, दुख की बात है कि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इनकार करने का रास्ता चुना। वास्तव में चीन की मदद से पाकिस्तान दो दिन बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तैयार किए गए प्रेस बयान से टीआरएफ (TRF) का संदर्भ हटाने में सफल रहा।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया के बारे में बोलते हुए श्री थरूर ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं मैं सरकार के लिए काम नहीं करता। मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं लेकिन मैंने खुद भारत के एक प्रमुख अखबार में दो दिनों के भीतर एक लेख लिखा था जिसमें कहा गया था कि अब कठोर और चतुराई से हमला करने का समय आ गया है और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने ठीक यही किया।
उन्होंने बताया कि किस तरह से 9 विशिष्ट ज्ञात आतंकवादी ठिकानों, मुख्यालयों और लॉन्चपैडों पर सटीक और सुनियोजित हमले किए गए। इनमें मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने शामिल थे जो अन्य बातों के अलावा डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार थे...
#WATCH | New York, US: During an interaction at the Consulate, Congress MP Shashi Tharoor says, " I don't work for the government, as you know. I work for an opposition party...I myself authored an op-ed...saying the time has come to hit hard but hit smart. I'm pleased to say… pic.twitter.com/9dPVuWzZJn
— ANI (@ANI) May 25, 2025
श्री थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि वह आतंक को चुपचाप बर्दाश्त नहीं करेगा वह जवाब देगा लेकिन साथ ही साथ बहुत ही सटीक, सुनियोजित, सुनियोजित हमलों को बहुत ही विशिष्ट लक्ष्यों पर अंजाम देकर यह संदेश भी दिया कि यह किसी लंबे युद्ध की शुरूआत नहीं थी बल्कि यह प्रतिशोध की कार्रवाई थी कि हम इस कार्रवाई को रोकने के लिए तैयार थे।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य
श्री थरूर के नेतृत्व में इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शांभवी चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी), सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी एम हरीश बालयागी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर के लता (सभी भाजपा से), मल्लिकार्जुन देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ रुख को सामने रखेगा और वैश्विक समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता के भारत के मजबूत संदेश को लेकर जाएगा।