भारत के प्रहार से हिला चीन! ऑपरेशन सिंदूर से ड्रैगन की इज्जत भी मिट्टी में मिली
punjabkesari.in Sunday, May 18, 2025 - 05:38 PM (IST)

International Desk: भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई को दिखाया, बल्कि इसने चीन के हथियारों की गुणवत्ता और वैश्विक रक्षा बाज़ार में उसकी साख को भी गहरी चोट पहुंचाई है। भारत की इस सैन्य कार्रवाई में 9 आतंकवादी ठिकाने तबाह किए गए। पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया गया।12 से अधिक एयरबेस को निशाना बनाया गया। आधुनिक युद्ध विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने इसे "सिर्फ शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि निर्णायक और योजनाबद्ध कार्रवाई" बताया।
पाकिस्तान की हार और चीनी हथियारों की पोल
पाकिस्तान ने जब संघर्ष विराम की अपील की, तब यह साफ हो गया कि उसकी सैन्य क्षमता चरमरा चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार कि पाकिस्तान के 80% हथियार चीन से प्राप्त हैं। HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल चीनी फाइटर जेट्स सभी निष्प्रभावी या विफल साबित हुए।सैटेलाइट तस्वीरों और युद्ध के सबूतों से यह भी स्पष्ट हुआ कि पाकिस्तानी दावों के विपरीत भारतीय राफेल विमान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
चीन की छवि और शेयर बाज़ार को झटका
चीन के रक्षा कंपनियों के शेयरों में 9% तक गिरावट दर्ज की गई। पहले माना जा रहा था कि पाकिस्तान को और हथियार बेचने से चीन को फायदा होगा, लेकिन अब बाज़ार में उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। 2020–2024 के बीच चीन का वैश्विक हथियार निर्यात 5.9% रहा जिसमें से दो-तिहाई से अधिक पाकिस्तान को ही निर्यात किया गया। अब कई देश विशेषकर अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका चीनी हथियारों को लेकर सावधानी बरतने लगे हैं।
चीन की कई देशों से शिकायतें मिलीं
म्यांमार ने चीनी फाइटर जेट्स को रडार खराबी की वजह से ग्राउंड किया। नाइजीरिया को 9 में से 7 फाइटर जेट वापस करने पड़े। अब पाकिस्तान जो चीन का सबसे करीबी रणनीतिक साझेदार है, खुद इन हथियारों से असंतुष्ट दिख रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि "या तो चीन पाकिस्तान को घटिया हथियार देता है, या फिर उसके हथियार वाकई भारत के हथियारों के मुकाबले कमजोर हैं। " यदि चीन ने इन तकनीकी और प्रदर्शन संबंधी समस्याओं को जल्द हल नहीं किया, तो उसका सपना दुनिया का शीर्ष हथियार निर्यातक बनने का अधूरा ही रह जाएगा।