'भारत और रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी', EEF की बैठक में बोले पीएम मोदी
punjabkesari.in Friday, Sep 03, 2021 - 02:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है। साथ ही उन्होंने टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर किए गए सहयोग सहित कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच हुए ‘मजबूत' सहयोग का उल्लेख किया। ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) के पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का एक अन्य प्रमुख स्तंभ है और भारत एवं रूस मिलकर वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकते हैं।
Friendship between India & Russia has stood the test of time. Most recently, it was seen in our robust cooperation during #COVID19 pandemic, including in the area of vaccines. The pandemic has highlighted the importance of health & pharma sectors in our bilateral cooperation: PM pic.twitter.com/AtiGfl77zg
— ANI (@ANI) September 3, 2021
उन्होंने यह उल्लेख किया कि भारत में एक प्रतिभाशाली और समर्पित कार्यबल है जबकि सुदूर पूर्व क्षेत्र संसाधनों से भरा हुआ है और रूसी सुदूर पूर्व के विकास में योगदान करने की खातिर भारतीय प्रतिभाओं के लिए जबरदस्त गुंजाइश है। उन्होंने फोरम में हिस्सा लेने के लिए 2019 में रूसी शहर व्लादिवोस्तोक की अपनी यात्रा और उस दौरान "एक्ट फार ईस्ट पॉलिसी" के लिए भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि यह नीति रूस के साथ भारत की "विशेष और करीबी रणनीतिक साझेदारी" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
I applaud President Putin's vision for development of Russian Far East. India will be a reliable partner for Russia in realising this vision. In 2019, when I had visited Vladivostok to attend the forum, I had announced India's commitment to enact Far East Policy: PM Narendra Modi pic.twitter.com/aKjMyAtT3a
— ANI (@ANI) September 3, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के विकास में योगदान के लिए भारत रूस का एक विश्वसनीय भागीदार होगा। श्री मोदी ने रूस के सुदूर पूर्व व्लादिवोस्तोक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम-2021 को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और रूस अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य के लिए उत्तरी समुद्री मार्ग खोलने में भागीदार होंगे , वहीं देश का मझगांव डॉक्स वाणिज्यिक जहाजों के निर्माण के लिए रूस के ज्वेज्दा शिपबिल्डिंग कॉम्प्लेक्स के साथ साझेदारी करेगा। प्रधानमंत्री ने व्लादिवोस्तोक को यूरेशिया और प्रशांत का ‘संगम' करार देते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के द्दष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा , ‘‘ भारत इस विजन को साकार करने में रूस का एक विश्वसनीय भागीदार होगा।
मैं 2019 में जब फोरम में भाग लेने के लिए व्लादिवोस्तोक गया था तो मैंने ‘एक्ट फार-ईस्ट' नीति के लिए देश की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। यह नीति रूस के साथ हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।'' वर्ष 2019 में व्लादिवोस्तोक से ज्वेज्दा तक जहाज पर अपनी यात्रा के दौरान उनकी बातचीत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि श्री पुतिन ने उन्हें ज्वेज्दा में आधुनिक जहाज निर्माण को लेकर चर्चा की थी और उम्मीद जतायी थी कि भारत इसमें भागीदारी करेगा। उन्होंने कहा, ‘आज मुझे खुशी है कि भारत के सबसे बड़े शिप याडर् में से एक मझगांव डॉक्स लिमिटेड दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक जहाजों के निर्माण के लिए ज्वेज्दा के साथ साझेदारी करेगा।