आखिर FTA डील फाइनल: न्यूजीलैंड को भारतीय बाजार में बड़ी एंट्री, भारत को जीरो ड्यूटी एक्सपोर्ट की मंजूरी
punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 04:56 PM (IST)
International Desk: भारत और न्यूजीलैंड ने सोमवार को मुक्त व्यापार समझौते यानि Free Trade Agreement ( FTA) को अंतिम रूप देने की घोषणा की। दोनों देश वैश्विक व्यापार में बढ़ती अनिश्चितताओं और संरक्षणवाद के दौर में आर्थिक सहयोग को गहरा कर विकास को गति देना चाहते हैं। यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब भारत अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे आयात शुल्कों के असर को कम करने के लिए अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने की रणनीति पर तेजी से काम कर रहा है। भारत की मुख्य वार्ताकार पेटल ढिल्लों ने बताया कि समझौते के कानूनी परीक्षण (लीगल स्क्रबिंग) के बाद अगले वर्ष की पहली तिमाही में औपचारिक हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। यह समझौता नौ महीने की बातचीत के बाद तय हुआ है।
FTA के तहत भारत को अपने सभी उत्पादों के लिए न्यूजीलैंड में शून्य-शुल्क (जीरो ड्यूटी) निर्यात पहुंच मिलेगी। न्यूजीलैंड को भारत की लगभग 70% टैरिफ लाइनों पर रियायत मिलेगी, जो कुल व्यापार मूल्य का करीब 95% कवर करती है। वस्तुओं, सेवाओं और निवेश के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाएगा और नियामकीय बाधाओं को कम किया जाएगा। भारत के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, न्यूजीलैंड ने इस समझौते के तहत 15 वर्षों में 20 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।हालांकि, भारत ने डेयरी उत्पाद जैसे दूध, क्रीम, व्हे, दही और चीज के साथ-साथ कुछ पशु एवं कृषि उत्पादों (बकरी का मांस, प्याज, बादाम आदि) को समझौते से बाहर रखा है। सरकार ने इसे “घरेलू संवेदनशीलताओं” से जुड़ा फैसला बताया है।
वर्तमान में भारत-न्यूजीलैंड का द्विपक्षीय व्यापार अपेक्षाकृत सीमित है। 2024 में वस्तुओं और सेवाओं सहित दोतरफा व्यापार 2.4 अरब डॉलर रहा। व्यापार सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि दोनों देश इसे अगले पांच वर्षों में दोगुना करने की उम्मीद कर रहे हैं।व्यापार विशेषज्ञ अजय श्रीवास्तव के अनुसार, “यह समझौता फिलहाल किसी बड़े व्यापारिक ब्रेकथ्रू से ज्यादा, भविष्य के गहरे सहयोग का ढांचा तैयार करता है।” न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की है। उनके अनुसार, इस समझौते से अगले दो दशकों में न्यूजीलैंड के भारत को निर्यात में सालाना 1.1 से 1.3 अरब डॉलर की वृद्धि हो सकती है, जिससे नौकरियां और आय बढ़ेंगी।
न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले ने कहा कि यह समझौता उनके देश को ऐसे बाजारों तक पहुंच देता है, जो भारत ने अब तक किसी अन्य देश को नहीं दी। उन्होंने दावा किया कि सेब, शहद और कीवी फल के लिए न्यूजीलैंड को भारत में सबसे बेहतर पहुंच मिली है। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह समझौता दर्शाता है कि भारत उन देशों के साथ व्यापार संबंध तेजी से बढ़ा रहा है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के पूरक हैं, प्रतिस्पर्धी नहीं। यह पहल ऐसे समय में तेज हुई है जब भारत के निर्यातक अमेरिकी टैरिफ दबाव झेल रहे हैं। अगस्त से लागू अमेरिकी शुल्कों में रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण भारत पर कुल मिलाकर 50% तक टैरिफ लगाया गया है। इसका असर कपड़ा, ऑटो पार्ट्स, धातु और श्रम-प्रधान उद्योगों पर पड़ा है। इसी रणनीति के तहत भारत हाल के वर्षों में यूएई, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और ओमान के साथ बड़े व्यापार समझौते कर चुका है और अब यूरोपीय संघ, चिली और कनाडा के साथ भी वार्ताएं तेज कर रहा है।
