भारत और चीन के बीच LAC को लेकर हुआ बड़ा समझौता, जानिए LOC और LAC में क्या है अंतर
punjabkesari.in Tuesday, Oct 22, 2024 - 01:41 PM (IST)
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नेशनल डेस्क : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग को लेकर एक नई सहमति बनी है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को दी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि हाल के हफ्तों में भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता चल रही है। भारत और चीन ने देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए समझौता किया है। इस समझौते के तहत, दोनों देशों के सैनिकों को पीछे हटाने और स्थिति को सामान्य करने के लिए कार्रवाई की जाएगी, जिसे मिलिट्री टर्म में "डिसइंगेजमेंट" कहा जाता है।
तनाव में कमी की उम्मीद
विदेश सचिव ने कहा कि यह समझौता 2020 में पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न तनाव को धीरे-धीरे हल करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग की नई व्यवस्था से एलएसी पर तनाव कम होने की उम्मीद है।
हम सभी भारत के नागरिक है और इस देश के नागिरक होने के नाते हमें अपने देश की सीमाओं और पड़ोसी देशों के साथ विवादों के बारे में जानना आवश्यक है। यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को भी समझने में मदद करता है। आइए, सबसे पहले LOC (Line of Control) और LAC (Line of Actual Control) के अर्थ और अवस्थिति के बारे में जानते हैं।
LOC (Line of Control) क्या है?
LOC का मतलब है Line of Control, जो भारत और पाकिस्तान के बीच उस रेखा को दर्शाती है, जो जम्मू और कश्मीर के विवादित क्षेत्र को विभाजित करती है। LOC की स्थापना 1949 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुई, जब दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की।
LOC के मुख्य पहलू
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भौगोलिक स्थिति:
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LOC जम्मू और कश्मीर के क्षेत्रों से होकर गुजरती है, जहां यह भारतीय प्रशासनिक क्षेत्रों और पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों को विभाजित करती है।
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LOC की लंबाई लगभग 776 किलोमीटर है जो कि पाकिस्तान द्वारा 1947 में धोखे से कब्ज़ा ली गयी थी। LOC का भारतीय भाग (दक्षिणी और पूर्वी भाग) जम्मू और कश्मीर के रूप में जाना जाता है जो कश्मीर का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा है।
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इतिहास:
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LOC का गठन 1947-48 के युद्ध के बाद हुआ। इसे मूलतः "निषेध क्षेत्र" के रूप में परिभाषित किया गया, लेकिन यह वास्तविक सीमा नहीं है। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कई युद्ध हुए हैं, जिसमें LOC की स्थिति में बदलाव आया है।
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सैन्य उपस्थितियाँ:
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LOC पर दोनों देशों की सेनाएँ तैनात होती हैं। यह क्षेत्र अक्सर तनावपूर्ण रहता है, जहां दोनों पक्षों के बीच संघर्ष के मामले होते हैं।
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शांति और संघर्ष:
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LOC पर कई बार संघर्ष विराम का उल्लंघन होता है, जिससे सीमापार गोलीबारी और अन्य संघर्षों की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके कारण नागरिकों पर भी प्रभाव पड़ता है।
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उद्देश्य:
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LOC का मुख्य उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में स्थिति को नियंत्रित करना है, ताकि शांति बनी रहे और संघर्षों को रोका जा सके।
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राजनीतिक महत्व:
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LOC भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव का एक बड़ा कारण है। इसे लेकर दोनों देशों के बीच विभिन्न वार्ताएँ होती हैं, लेकिन स्थायी समाधान अभी तक नहीं निकल पाया है।
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LOC भारत-पाकिस्तान संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इसे समझना आवश्यक है, क्योंकि यह न केवल सैन्य मामलों में, बल्कि राजनीतिक संवाद और कूटनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। LOC पर स्थिरता और शांति को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।
LAC (Line of Actual Control) क्या है?
LAC का मतलब है Line of Actual Control, जो भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा को दर्शाता है। यह रेखा उन क्षेत्रों की सीमाओं को दर्शाती है, जहां दोनों देशों की सेनाएँ एक दूसरे के सामने तैनात हैं, लेकिन यह सीमा की आधिकारिक मान्यता नहीं है। LAC का महत्व भारत-चीन संबंधों में बहुत अधिक है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच विवादित क्षेत्रों का निर्धारण करती है।
LAC के मुख्य पहलू
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भौगोलिक स्थिति:
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LAC भारत के अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड के क्षेत्रों से होकर गुजरती है। यह भौगोलिक दृष्टि से विविधता लिए हुए है, जिसमें पर्वतीय क्षेत्र, घाटियाँ और पठार शामिल हैं।
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इतिहास:
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LAC की अवधारणा 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद उभरी। युद्ध के दौरान चीन ने कई क्षेत्रों पर नियंत्रण प्राप्त किया और इस प्रकार LAC का निर्धारण हुआ।
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यह बड़ा खाली क्षेत्र है और भारत और चीन की सेनाओं द्वारा लगभग 50 से 100 किलोमीटर की दूरी बनाकर इसकी निगरानी की जाती है। चीनी सरकार LAC को लगभग 2,000 किमी मानती है जबकि भारत LAC को 3,488 किमी लंबा मानता है।
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राजनीतिक महत्व:
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LAC का मुख्य विवाद क्षेत्र वह है जहां दोनों देशों के दावे एक दूसरे के खिलाफ हैं। यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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सीमा विवाद:
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भारत और चीन के बीच LAC को लेकर लगातार तनाव और विवाद होते रहे हैं। सीमाओं पर सैनिकों की तैनाती और घटनाएँ अक्सर इन विवादों को बढ़ाती हैं।
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प्रशासन:
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LAC पर कोई आधिकारिक सीमा रेखा नहीं है, इसलिए इसे एक अस्थायी रेखा माना जाता है। दोनों देशों ने LAC को लेकर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन विवाद अभी भी बना हुआ है।
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सुरक्षा मुद्दे:
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LAC की सुरक्षा के लिए दोनों देशों की सेनाएँ लगातार सतर्क रहती हैं। भारत ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे बुनियादी ढाँचे में सुधार और सैन्य बलों की तैनाती।
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LAC भारत-चीन संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो दोनों देशों के बीच तनाव और संघर्ष का कारण बनता है। यह क्षेत्र राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, और इसके प्रभावों का अध्ययन करना आवश्यक है ताकि शांति और स्थिरता बनी रहे।