''डर गई है सरकार'', विशेष सत्र बुलाने पर इंडिया गठबंधन ने साधा PM Modi पर निशाना

punjabkesari.in Friday, Sep 01, 2023 - 12:30 AM (IST)

नेशनल डेस्कः सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। अब इसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कारोबारी अडाणी समूह के खिलाफ नये खुलासे होने और मुंबई में जारी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' की बैठक के चलते समाचारों का प्रबंधन करने की कवायद के तहत विशेष सत्र की घोषणा की गई है।
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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस विशेष सत्र के दौरान भी अडाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग सदन के भीतर और बाहर जारी रहेगी। उन्होंने सवाल किया कि जब मानसून सत्र तीन सप्ताह पहले ही समाप्त हुआ है तो ऐसे में संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है?


वहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘ गणेश चतुर्थी के महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान संसद का विशेष सत्र बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हिन्दुओं की भावना के खिलाफ है। इसकी तिथियों के चुनाव को लेकर आश्चर्यचकित हूं।'' उन्होंने कहा कि सरकार डर गई है।

 


आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल खड़े करते हुए कहा, “केंद्र सरकार किसी से सलाह-मशवरा तो करती नहीं है। किसी दल से कोई बातचीत नहीं करती है। क्या करना चाहते हैं। पुराने सत्र में किसी को बोलने नहीं दिया गया। गलत तरीके से लोगों को सस्पेंड कर दिया गया। केंद्र सरकार गलत तरीके से लोकतंत्र का गला घोंट रही है।

बता दें केंद्र सरकार ने ‘अमृत काल' के बीच 18 से 22 सितंबर तक ‘संसद का विशेष सत्र' बुलाया है जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सरकार ने हालांकि संसद के विशेष सत्र का एजेंडा घोषित नहीं किया। संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है।'' संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है। 
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सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था। संसद के नये भवन से जुड़े निर्माण कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि यह सत्र की मेजबानी के लिए तैयार हो सके। संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को समाप्त हुआ था। हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृत काल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं।

विशेष सत्र का एजेंडा स्पष्ट नहीं होने के बीच ऐसी अटकलें हैं कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार कोई विधेयक पेश कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि स्थानीय निकायों, राज्यों एवं लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने संबंधी विधेयक लाया जाए। लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण संबंधी विधेयक को लेकर भी चर्चा है। 

 

 


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Content Writer

Yaspal

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