'आमदनी हजारों में और नोटिस करोड़ों का', जूस वाले, सफाई कर्मी, ताला बनाने वाले को इनकम टैक्स ने भेजा करोड़ों का नोटिस

punjabkesari.in Saturday, Apr 05, 2025 - 01:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आयकर विभाग द्वारा आम लोगों को भेजे गए करोड़ों के नोटिस की खबरें सामने आई हैं। जिन लोगों को ये नोटिस मिले हैं, वे बेहद साधारण जीवन जीने वाले लोग हैं- कोई जूस बेचता है, कोई सफाईकर्मी है, कोई ट्रक ड्राइवर, तो कोई ताला बनाने वाला। इन लोगों की मासिक आमदनी कुछ हजार रुपए है, लेकिन उन्हें करोड़ों रुपए के इनकम टैक्स और GST नोटिस मिले हैं। अब सवाल ये उठता है कि ऐसा कैसे हुआ?

किसे-किसे और कितना नोटिस मिला?
1. करण कुमार (सफाईकर्मी – अलीगढ़)
नौकरी: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, खैर ब्रांच में सफाईकर्मी
मासिक आय: ₹15,000
नोटिस की रकम: ₹33 करोड़ 88 लाख 85 हजार 368
करण कुमार नोटिस मिलने के बाद से पूरी तरह सदमे में हैं, उन्हें अब कुछ समझ नहीं आ रहा।

2. योगेश शर्मा (ताला कारीगर – अलीगढ़)
निवासी: नौरंगाबाद
दैनिक आय: ₹200 से ₹250
नोटिस की रकम: ₹11 करोड़ 11 लाख
योगेश शर्मा का ने खुद को निर्दोष बताते हुए जांच की मांग की है।

3. रहीस (जूस विक्रेता – अलीगढ़)
दुकान: सिविल कोर्ट के सामने RS जूस कॉर्नर
नोटिस में आरोप: 2021-22 में 4 महीने में 7.79 करोड़ का टर्नओवर
रहीस ने कहा कि उसने इतने पैसे कभी देखे भी नहीं।

4. अवनेंद्र कुमार (ट्रक ड्राइवर – कन्नौज)
काम: दिल्ली में ट्रांसपोर्ट कंपनी में ट्रक चलाते हैं
नोटिस: दो GST नोटिस – एक ₹76 लाख का और दूसरा ₹2.89 करोड़ का
अवनेंद्र कुमार के पिता रामलाल ने कहा, "हम तो मेहनत-मजदूरी करते हैं, हमें नहीं पता ये सब कैसे हुआ"

5. सौरभ कुमार (किसान – मथुरा)
जमीन: केवल 2 बीघा
नोटिस की रकम: ₹30 करोड़ का इनकम टैक्स
सौरभ कुमार का परिवार सदमे में है, उनका कहना है कि - “इतना पैसा कभी देखा ही नहीं”।

क्या है इस गड़बड़ी की वजह?
प्राथमिक जांच में यह सामने आ रहा है कि इन सभी मामलों में आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल की आशंका है। धोखेबाजों ने इन लोगों के आधार कार्ड से फर्जी कंपनियां और GST अकाउंट खोले और करोड़ों का फर्जी लेन-देन दिखाया। 2021 के बाद GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में फिजिकल वेरिफिकेशन की अनिवार्यता खत्म हो चुकी है, जिससे इस सिस्टम का दुरुपयोग बढ़ा है। इस वजह से अब आयकर विभाग यह पता लगाने में जुटा है कि-
- ये GST रजिस्ट्रेशन कहां और किसने करवाया?
- फर्जी ट्रांजैक्शन के लिए कौन-से कंप्यूटर, मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल हुआ?
- इन खातों से जुड़े मोबाइल नंबर और ईमेल किसके हैं?

क्या मिलेगी राहत?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन लोगों का इन ट्रांजैक्शनों से कोई वास्ता नहीं निकलता, तो जांच के बाद उन्हें राहत जरूर मिलेगी। यह भी संभव है कि ये सभी फर्में सिर्फ टैक्स चोरी के लिए खोली गई हों, जिनका असल में कोई अस्तित्व नहीं है। आयकर विभाग की विस्तृत जांच जारी है और हर पक्ष के बयान लिए जा रहे हैं।


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Content Editor

Harman Kaur

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