45 सालों से इस मस्जिद में विराजते हैं गणपति बप्पा, हिंदू-मुस्लिम मिलकर करते हैं पूजा-अर्चना

punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 07:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के सांगली जिले का एक गांव, गोटखिंडी, पिछले चार दशकों से धार्मिक सद्भाव की एक अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। यहां हर साल गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की मूर्ति एक मस्जिद में स्थापित की जाती है, जहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर पूजा और उत्सव मनाते हैं। यह परंपरा 1980 से लगातार मनाई जा रही है, आज इस परंपरा को पूरे 45 साल हो गए है। 

1980 में शुरू हुई यह खास परंपरा

स्थानीय 'न्यू गणेश तरुण मंडल' के संस्थापक अशोक पाटिल के अनुसार यह परंपरा 1980 में शुरू हुई थी। उस साल भारी बारिश के कारण हिंदू और मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने मिलकर गणेश प्रतिमा को पास की एक मस्जिद में रखने का फैसला किया। तब से यह परंपरा बिना किसी रुकावट के लगातार जारी है।

पाटिल ने बताया कि गोटखिंडी गांव की कुल आबादी लगभग 15,000 है, जिसमें करीब 100 मुस्लिम परिवार भी शामिल हैं। वे इस गणेश मंडल के सदस्य हैं और 'प्रसाद' बनाने से लेकर पूजा की तैयारियों तक में पूरी मदद करते हैं।

गणेश चतुर्थी पर नहीं होती कुर्बानी

इस गांव में सांप्रदायिक सौहार्द का एक और उदाहरण देखने को मिला जब एक बार बकरीद और गणेश चतुर्थी एक ही दिन पड़ गए थे। तब मुस्लिम समुदाय ने आपसी सहमति से 'कुर्बानी' न करने का फैसला किया और केवल नमाज अदा करके ही अपना त्योहार मनाया। वे गणेश उत्सव के दौरान मांस का सेवन करने से भी परहेज करते हैं।

पाटिल का कहना है कि पूरे देश को इस गांव के सामाजिक और धार्मिक सद्भाव से प्रेरणा लेनी चाहिए। हर साल गणेश मूर्ति की स्थापना के लिए पुलिस और तहसीलदार को भी आमंत्रित किया जाता है। दस दिन तक चलने वाले इस उत्सव के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन मूर्ति का विसर्जन स्थानीय जलाशय में किया जाता है।


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News Editor

Parveen Kumar

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