अगर देखना है 'ब्लड मून', तो इंद्र को मनाइए

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 06:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर वर्षा के देवता इंद्र प्रसन्न रहे, तो 27 और 28 जुलाई की दरम्यानी रात पूर्ण चंद्रगहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी का अद्भुत नजारा देश के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। सदी के सबसे लम्बे पूर्ण चंदग्रहण के दौरान चंद्रमा करीब एक घंटे 43 मिनट तक पृथ्वी की ओट में पूरी तरह छिपा दिखाई देगा। अगर हम आने वाले 10 दिनों के मौसम का हाल देखें तो अधिकतर हिस्सों में बारिश के आसार है। ऐसे में अगर आप ‘ब्लड मून’ देखना चाहते हैं तो इंद्र देव को मनाना शुरू कर दें।
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साफ मौसम में देखा जा सकेगा चंद्रग्रहण
उज्जैन की प्रतिष्ठित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने आज कहा, ‘‘आगामी पूर्ण चंद्रगहण देश के अधिकांश हिस्सों में देखा जा सकेगा, जहां मॉनसून के जारी मौसम के दौरान आकाश साफ रहेगा।’’ उन्होंने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण की शुरूआत भारतीय मानक समय के मुताबिक 27 जुलाई को रात 11बजकर 54 मिनट 02 दो सेकेंड होगी, जब पृथ्वी की काली छाया चंद्रमा को आहिस्ता-आहिस्ता ढंकना शुरू करेगी।
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जानिए कितने बजे शुरू होगा पूर्ण चंद्र ग्रहण
कोई दो सदी पुरानी वेधशाला के निदेशक ने अपनी गणना के हवाले से बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण रात 01 बजकर 51 मिनट 08 सेकेंड बजे अपने चरम स्तर पर पहुंचेगा, जब पृथ्वी की छाया से चंद्रमा 161.4 प्रतिशत ढंका नजर आएगा। पूर्ण चंद्रग्रहण की यह स्थिति अगले एक घंटे 42 मिनट 57 सेंकेड तक रहेगी। इसके बाद पृथ्वी की छाया चंद्रमा से धीरे-धीरे हटने लगेगी और 28 जुलाई को तड़के 03 बजकर 49 मिनट 03 सेकेंड बजे ग्रहण खत्म हो जाएगा।
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क्या है 'ब्लड मून'
डॉ. गुप्त ने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण का यह नजारा नजारा एशिया के कुछ अन्य देशों के साथ अंटार्किटका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, रूस, अफ्रीका और अमेरिका के कुछ इलाकों में भी दिखेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण तब लगता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और अपने उपग्रह चंद्रमा को अपनी छाया से ढंक लेती है। चंद्रमा इस स्थिति में पृथ्वी की ओट में पूरी तरह छिप जाता है और उस पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है। इस खगोलीय घटना के वक्त पृथ्वीवासियों को चंद्रमा रक्तिम आभा (यानि लाल रंग) लिए दिखाई देता है। लिहाजा इसे 'ब्लड मून' भी कहा जाता है। 


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shukdev

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