कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ICMR ने टाइप-1 डायबिटीज को लेकर जारी की गाइडलाइन, बच्चे बन रहे शिकार

punjabkesari.in Tuesday, Jun 07, 2022 - 01:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) (ICMR)  टाइप 1 डायबिटीज मरीजों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। ICMR ने टाइप 1 डायबिटीज मरीजों के इलाज के लिए गाइडलाइन जारी की है। ICMR की गाइडलाइन के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा है। टाइप 1 डायबिटीज बच्चों और कम उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाता है। इससे पहले ICMR टाइप 2 डायबिटीज के लिए गाइडलाइन जारी की थी।  टाइप 1 डायबिटीज को लेकर यह गाइडलाइन ICMR के DG और DHR सचिव प्रो.बलराम भार्गव ने जारी की है। 

 

बच्चे बन रहे शिकार
आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक टाइप-2 डायबिटीज के मामले ग्रामीण और शहरी इलाकों में ज्यादातर 25 से 34 साल के युवाओं के बीच कॉमन हैं, जबकि टाइप-1 डायबिटीज के मामले ज्यादातर किशोरों और बच्चों में तेजी से बढ़ रहे हैं। पूरी दुनिया में करीब 10 लाख लोग टाइप-1 डायबिटीज से जूझ रहे हैं, जिसमें सबसे ज्यादा टाइप-1 डायबिटीज के मामले भारत में हैं। भारत में करीब 2.5 लाख लोग टाइप-1 डायबिटीज से जूझ रहे हैं, जिसमें करीब 95,600 बच्चे और किशोर इस बीमारी से जूझ रहे हैं, इनकी उम्र 14 साल से कम है। 

 

इंसुलिन और थैरेपीज पर निर्भर टाइप-1 डायबिटीज 
आईसीएमआर गाइडलाइंस के मुताबिक टाइप-1 डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को अपना पूरा जीवन सामान्य तरीके से जीने के लिए इंसुलिन और थैरेपीज की जरूरत होती है। डायबिटीज के सभी पहलुओं का मैनेजमेंट, विशेष रूप से ग्लाइसेमिक कंट्रोल की जरूरत होती है। हालांकि डायबिटीज की देखभाल के लिए अब तकनीकी रूप से भी काफी प्रगति हुई है, इसके लिए नए इंसुलिन एनालॉग, पम्प, ऑटोमेटिड इंसुलिन डिलीवरी सिस्टम एंड सेंसर जैसी तमाम चीजें अब मौजूद हैं। वहीं टाइप-1 डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय गाइडलांइस उपलब्ध हैं।


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Content Writer

Seema Sharma

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