मैं पर्रिकर की विरासत खत्म कर रहा हूं, ऐसी अफवाह कुछ नाखुश नेता फैला रहे हैं : गोवा के सीएम सावंत
punjabkesari.in Friday, Feb 11, 2022 - 09:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग जो एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता के राज्य में शीर्ष पद पर पहुंचने से खुश नहीं हैं, वे अफवाह फैला रहे हैं कि वह दिवंगत मनोहर पर्रिकर की विरासत को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के लोकप्रिय नेता पर्रिकर की 2019 में मृत्यु हो गई थी। संयोग से, भाजपा ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे उत्पल पर्रिकर को पणजी विधानसभा सीट से 14 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया।
मैंने दिवंगत मनोहर पर्रिकर के मार्गदर्शन में राजनीति में प्रवेश किया
सावंत ने दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, “मैंने दिवंगत मनोहर पर्रिकर के मार्गदर्शन में राजनीति में प्रवेश किया। मैं विधायक के रूप में निर्वाचित हुआ और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में चुना गया।” 17 मार्च, 2019 को सीएम के रूप में पदभार संभालने वाले संखालिम से दो बार के विधायक सावंत ने कहा कि पर्रिकर राज्य में पार्टी के शीर्ष नेता थे। उन्होंने दावा किया, “मेरे जैसे पार्टी कार्यकर्ता के इस पद पर पहुंचने से कुछ नेता खुश नहीं हैं। उन्हें लगता है कि केवल विशिष्ट लोगों को ही इस पद पर रहना चाहिए। यही कारण है कि वे इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं।” उन्होंने इस बात से इनकार किया कि पर्रिकर की मृत्यु के बाद से भाजपा बदल गई है, लेकिन उन्होंने कहा कि “एक नेता के बदले जाने पर हमेशा बदलाव होता है।”
भाजपा नहीं बदली है- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा नहीं बदली है। कुछ नेता जो खुद को पार्टी से बड़ा समझते हैं, एक बदली हुई भाजपा के बारे में बोलते हैं।” सावंत ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि पिछले 10 वर्षों में राज्य में जन-हितैषी विकास के कारण भाजपा 40 सदस्यीय सदन में 22 से अधिक सीटें जीतेगी और सरकार बनाने के लिए गठबंधन करने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोटों के बांटने की बात को खारिज कर दिया, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “मुझे भाजपा और पार्टी कार्यकर्ताओं के काम पर भरोसा है। मुझे पार्टी द्वारा चुने गए उम्मीदवारों पर भरोसा है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ तथाकथित बड़े नेता (भाजपा से नहीं) दूसरों से नामांकन वापस लेने के लिए “फिक्सिंग” (सौदेबाजी) में लिप्त थे।