Credit Card से Rent Payment पर ब्रेक! RBI के नए आदेश से यूजर्स को झटका
punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 09:06 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप भी हर महीने क्रेडिट कार्ड से फोनपे, पेटीएम, क्रेड या अन्य ऐप्स के जरिए मकान का किराया चुकाते थे, तो अब आपको बड़ा झटका लग सकता है। इन फिनटेक प्लेटफॉर्म्स ने अपनी रेंट पेमेंट सर्विस को बंद करना शुरू कर दिया है - और इसकी वजह है भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में लागू किए गए नए नियम।
RBI का नया नियम: अब हर लेन-देन में जरूरी होगी ‘पक्की पहचान’
15 सितंबर 2025 को जारी किए गए आरबीआई के सर्कुलर में कहा गया है कि अब पेमेंट एग्रीगेटर (PA) और पेमेंट गेटवे (PG) केवल उन्हीं व्यापारियों से लेन-देन कर सकते हैं, जिनके साथ उनका सीधा अनुबंध हो और जिनकी पूरी KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो।
इसका मतलब यह है कि कोई भी फिनटेक ऐप अब ऐसे मकान मालिक को किराया नहीं भेज सकती, जो उनके प्लेटफॉर्म पर अधिकृत व्यापारी की तरह रजिस्टर्ड नहीं है। यानी किराया भेजने वाले और लेने वाले दोनों की सख्त पहचान ज़रूरी हो गई है।
क्रेडिट कार्ड से किराया चुकाना क्यों था इतना पॉपुलर?
पिछले कुछ वर्षों में बहुत से लोग क्रेडिट कार्ड से किराया चुकाते थे क्योंकि:
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उन्हें रिवॉर्ड प्वाइंट्स और कैशबैक मिलते थे।
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पूरा महीना बिना ब्याज के पैसे उधार मिलते थे।
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मकान मालिक को तुरंत पेमेंट मिल जाता था।
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ट्रांजेक्शन पूरी तरह डिजिटल और ट्रैक करने योग्य होता था
लेकिन अब ये सारे फायदे धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं।
बैंकों ने पहले ही दी थी संकेत
फिनटेक ऐप्स से पहले बैंकिंग सेक्टर ने इस सुविधा पर लगाम कसना शुरू कर दी थी:
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HDFC बैंक ने जून 2024 में क्रेडिट कार्ड से किराया देने पर 1% फीस लगाई।
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ICICI बैंक और SBI कार्ड्स ने रिवॉर्ड प्वाइंट्स देना बंद कर दिया।
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मार्च 2024 में कई ऐप्स जैसे फोनपे, पेटीएम, क्रेड, और अमेज़न पे ने यह सेवा अस्थायी रूप से रोक दी थी।
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कुछ ऐप्स ने बाद में KYC सुधारों के साथ सर्विस को फिर शुरू किया, लेकिन अब वह भी बंद हो रही है।
यूजर्स पर असर: रिवॉर्ड और कैशफ्लो दोनों पर ब्रेक
इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर होगा जो:
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हर महीने किराया देने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते थे।
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रिवॉर्ड प्वाइंट्स से ट्रैवल, शॉपिंग और रिचार्ज जैसे फायदे उठाते थे।
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फाइनेंशियल फ्लो को मैनेज करने के लिए ‘क्रेडिट पीरियड’ का इस्तेमाल करते थे।
अब उन्हें वापस पुराना तरीका अपनाना पड़ेगा — जैसे कि बैंक ट्रांसफर, चेक, या यूपीआई पेमेंट, जिनमें कोई रिवॉर्ड नहीं मिलेगा।
फिनटेक मॉडल पर भी असर
RBI के इन दिशा-निर्देशों से फिनटेक कंपनियों का बिज़नेस मॉडल भी प्रभावित होगा:-
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अब वे मार्केटप्लेस मॉडल की तरह मकान मालिकों को पेमेंट भेज नहीं सकतीं।
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हर ट्रांजेक्शन में उन्हें व्यवसायिक पंजीकरण और KYC कराना होगा।
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इससे उनकी ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ेगी और यूजर एक्सपीरियंस में रुकावट आएगी।
-फिनटेक कंपनियां अब विकल्प तलाश रही हैं कि कैसे इन नियमों का पालन करते हुए रेंट पेमेंट सर्विस को दोबारा शुरू किया जा सके।
-यूजर्स को सलाह दी जा रही है कि वे अपने मकान मालिक से अन्य डिजिटल पेमेंट विकल्पों पर बात करें।
-बैंकों के लिए यह एक मौका हो सकता है कि वे इस स्पेस में नए समाधान लाएं।