हिमाचल में तबाही का मानसून: 6 नेशनल हाईवे बंद, 1286 सड़कें ठप, 9 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 01:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश इस समय लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बेहाल है। सड़कों का जाल ठप है, गांवों में बिजली और पानी की सप्लाई ठप हो चुकी है और लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात इतने गंभीर हैं कि राज्य के 9 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बारिश के कारण सबसे ज्यादा असर मंडी, कुल्लू, शिमला और कांगड़ा जिलों पर पड़ा है। अकेले मंडी जिले में 293 सड़कें बंद हैं जबकि कुल्लू में 225 और शिमला में 216 सड़कें यातायात के लिए ठप हैं। इससे न केवल आम लोगों को परेशानी हो रही है बल्कि सेब उत्पादकों को भी भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि बंद रास्तों के कारण सेब बाजारों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
सड़कों की हालत खराब, 6 नेशनल हाईवे बंद
अब तक प्रदेश में कुल 1286 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इसमें 6 राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) भी शामिल हैं:
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NH-03
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NH-05
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NH-21
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NH-205
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NH-505
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NH-305
इन मुख्य मार्गों के बंद होने से प्रदेश के कई हिस्से एक-दूसरे से कट गए हैं और आवश्यक सेवाओं पर भी असर पड़ा है।
भूस्खलन और जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
लगातार हो रही बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन (Landslide) और जलभराव (Waterlogging) की घटनाएं सामने आ रही हैं। नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ जाने से निचले इलाकों में खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और किसी भी तरह की जोखिम ना लें।
पौंग डैम से बढ़ाई गई पानी की निकासी
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने पौंग डैम से पानी की निकासी बढ़ाने का फैसला लिया है। पहले जहां 80,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, अब उसे 1 लाख क्यूसेक तक बढ़ा दिया गया है। इससे कांगड़ा जिले के फतेहपुर, इंदौरा और देहरा उपमंडल में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने इन इलाकों में लोगों को सतर्क रहने और समय रहते सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी है।
बिजली और पानी की सप्लाई भी बंद
भारी बारिश के कारण प्रदेश के 2809 ट्रांसफार्मर बंद हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा कुल्लू (1096), शिमला (405), मंडी (404) और सोलन (304) में ट्रांसफॉर्मर खराब पड़े हैं। इसके साथ ही 1081 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं, जिससे हजारों लोगों को पीने के पानी की समस्या हो गई है।
343 लोगों की मौत, करोड़ों का नुकसान
20 जून से 3 सितंबर तक के मानसून सीजन में हिमाचल में अब तक 343 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 398 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 1372 मवेशियों की जान भी गई है। राज्य सरकार के मुताबिक अब तक इस आपदा से 3690.42 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। कृषि क्षेत्र को 11.45 करोड़ और बागवानी को 22.52 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसका सबसे बड़ा असर सेब उत्पादकों पर पड़ा है, क्योंकि फसल तैयार होने के बावजूद उसे बाजार तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है।
किस जिले को कितना नुकसान हुआ?
जिला | अनुमानित नुकसान (करोड़ में) |
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मंडी | 1231.64 |
कांगड़ा | 1123.89 |
कुल्लू | 763.57 |
ऊना | 722.12 |
पिछले 24 घंटों में कहां कितनी बारिश हुई?
स्थान | वर्षा (मिमी में) |
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धर्मपुर | 76.6 |
करसोग | 69 |
कसौली | 67 |
कंडाघाट | 59 |
श्री नैनादेवी जी | 58.6 |
भुंतर | 55.6 |
बिलासपुर | 50.8 |
शिमला | 47 |
सोलन | 44.4 |
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं।