जिस दिन हुआ पहलगाम अटैक, उसी दिन यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी से संपर्क में थीं
punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 01:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने न सिर्फ सोशल मीडिया की दुनिया को झकझोर दिया, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों में भी खलबली मचा दी है। पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार ज्योति की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा पुलिस ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिनसे यह मामला और भी गहरे सुरंग में समाता नजर आ रहा है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से जटिल संबंध
हरियाणा पुलिस के अनुसार, ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण "संपत्ति" बन चुकी थीं। पुलिस ने खुलासा किया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, उस दौरान ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी से संपर्क में थीं। हालांकि पुलिस का कहना है कि उनके पास सैन्य या रक्षा संबंधी कोई संवेदनशील जानकारी नहीं थी, लेकिन वह पाकिस्तान के एक "इंटरनेशनल ऑफिसर" से जुड़ी हुई थीं, जो मामले को और अधिक संदिग्ध बनाता है।
मीडिया युद्ध की नई रणनीति
हरियाणा पुलिस के एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि पाकिस्तान ने इस तरह के प्रभावशाली यूट्यूबर्स और अन्य व्यक्तियों को अपनी विचारधारा फैलाने के लिए इस्तेमाल किया था। यह एक पुरानी रणनीति नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा प्रभावशाली व्यक्तियों को अपनी "संपत्ति" के रूप में इस्तेमाल करने की नई चाल थी। ज्योति मल्होत्रा भी इस रणनीति का हिस्सा बन चुकी थीं, और पाकिस्तान ने उन्हें अपनी प्रचार गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की थी।
गिरफ्तारी और जांच की शुरुआत
ज्योति मल्होत्रा को शुक्रवार को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया था, और उन पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत में पेश होने के बाद, उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस अब उनके वित्तीय लेन-देन, यात्रा विवरण और उन व्यक्तियों से संपर्क की जांच कर रही है, जिनसे वे मिली थीं।
फोरेंसिक जांच का समाना
पुलिस ने इस मामले में ज्योति के लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का फोरेंसिक विश्लेषण शुरू कर दिया है। इस जांच के जरिए यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या उन्होंने पाकिस्तान के लिए कोई संवेदनशील जानकारी लीक की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्योति की पाकिस्तान यात्रा संभवत: खुफिया एजेंसियों के इशारे पर प्रायोजित थी, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है।
केंद्रीय एजेंसियों की गहन जांच
अब केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले में शामिल हो गई हैं, और वे इस जासूसी नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं। यह सिर्फ एक यूट्यूबर के खिलाफ नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवालों का मामला बन चुका है। जल्द ही यह साफ हो सकेगा कि इस मामले में और कौन-कौन से लोग शामिल हो सकते हैं, और क्या यह सिर्फ एक अकेला मामला था या इसके पीछे एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हाथ था।