असम: कोर्ट ने मारपीट के मामले में जिग्नेश मेवानी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

punjabkesari.in Tuesday, Apr 26, 2022 - 06:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: असम के बारपेटा जिले की एक अदालत ने एक महिला पुलिस अधिकारी द्वारा दायर ''मारपीट'' के मामले में मंगलवार को दलित कार्यकर्ता तथा गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मुकुल चेतिया ने मेवानी को दोपहर में अदालत में पेश किये जाने के बाद पुलिस हिरासत में भेज दिया। गुजरात के दलित नेता के खिलाफ असम में दर्ज किया गया यह दूसरा मामला है। मेवानी के वकील अंगशुमान बोरा ने कहा कि वे बृहस्पतिवार को जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

गुजरात के विधायक को इससे पहले सोमवार को कोकराझार की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में किए गए एक ट्वीट से संबंधित एक अन्य मामले में जमानत पर रिहा कर दिया था, जिसके बाद उन्हें पुलिस अधिकारी से मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। मेवानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 323, 353 और 354 के तहत मामला दर्ज किया गया है। कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट करने के लिए पहली बार 19 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था, और कोकराझार लाया गया था। मेवानी की रिहाई की मांग को लेकर मार्च निकाल रहे असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बारपेटा जिले के एक पुलिस थाने में ले जाए जाने के कुछ देर बाद छोड़ दिया गया।

जिला पुलिस अधीक्षक अमिताभ सिन्हा ने कहा कि किसी को हिरासत में नहीं लिया गया उन्होंने कहा कि किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है और वह बाद में कार्रवाई का विवरण देंगे। बारपेटा पुलिस थाने ले जाए गए नेताओं में शामिल कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने आरोप लगाया कि भाजपा ''पार्टी अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने के लिए तैयार है, जिसकी हम किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दे सकते। हम मेवानी की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।” सोमवार को कोकराझार से बारपेटा ले जाते समय मेवानी ने आरोप लगाया था कि यह ''मेरी छवि खराब करने और व्यवस्थित रूप से मुझे बर्बाद करने की भाजपा और आरएसएस की साजिश है।'' असम और गुजरात दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है। मेवानी को गुजरात से गिरफ्तार किये जाने के मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उन्होंने कथित रूप से एक ट्वीट कर दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ''गोडसे को भगवान मानते हैं।'' मेवानी के इस ट्वीट किये खिलाफ कोकराझार थाने में मामला दर्ज किया गया था। भाषा

 


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Content Editor

rajesh kumar

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