गुजरात: अंबाजी मंदिर में प्रसाद पर छिड़ी जंग?, ''मोहनथाल'' बनाम चिक्की की लड़ाई पर सरकार ने दी यह सफाई

punjabkesari.in Monday, Mar 13, 2023 - 02:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गुजरात के बनासकांठा जिले के प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर में पारंपरिक प्रसाद ‘‘मोहनथाल'' की जगह ‘‘चिक्की'' (मूंगफली और गुड़ से बनी मिठाई) दिए जाने को लेकर उठे विवाद के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने रविवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा के समर्थकों द्वारा रुपये कमाने के लिये परंपरा से छेड़छाड़ का प्रयास किया जा रहा है। ठाकोर यहां एक मंदिर में “मोहनथाल” मिठाई का प्रसाद चढ़ाया और दावा किया कि 'मोहनथाल' (बेसन, घी और चीनी से बनी मिठाई) अनादि काल से अंबाजी मंदिर में एक पारंपरिक प्रसाद रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मोहनथाल को फिर से प्रसाद के तौर पर नहीं अपनाया गया तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।

 

इस बीच, 'मोहनथाल' को 'चिक्की' से बदलने के कदम का बचाव करते हुए गुजरात के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने कहा कि 'चिक्की' लंबे समय तक खराब नहीं होती है और इसे दूर बैठे भक्तों द्वारा ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। शुक्रवार को अंबाजी मंदिर में वितरित किए जा रहे प्रसाद को बदलने पर चर्चा की मांग करने और सदन में प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस विधायकों को विधानसभा से बाहर कर दिया गया था। संवाददाताओं से बात करते हुए ठाकोर ने आरोप लगाया, “मोहनथाल प्रसाद वर्षों से परंपराओं और आस्था से जुड़ा रहा है। यह प्राचीन साम्राज्यों के समय से अंबाजी मंदिर की परंपराओं का एक हिस्सा है। लेकिन परंपरा की कीमत पर पैसा बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी समर्थकों द्वारा इसे 'चिक्की' से बदल दिया गया है।”

 

उन्होंने कहा कि लाखों भक्तों की आस्था के केंद्र से जुड़े इस मुद्दे को हल करने के बजाय, भाजपा सरकार 'धमकी' दे रही है कि 'मोहनथाल' को प्रसाद के रूप में वापस नहीं लाया जाएगा। शनिवार को गांधीनगर में संवाददाताओं से बात करते हुए मंत्री पटेल ने कहा था कि मंदिर में प्रसाद के तौर पर इस्तेमाल की जा रही चिक्की विशेष मेवों से बनाई जाती है और इसकी गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाता है।


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Content Writer

Seema Sharma

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