IGI एयरपोर्ट पर यात्री और कैप्टन के बीच क्यों हुई हाथापाई? पायलट ने दी सफाई
punjabkesari.in Sunday, Dec 21, 2025 - 04:35 PM (IST)
नेशनल डेस्क : दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) के टर्मिनल-1 पर 19 दिसंबर 2025 को एक यात्री और कैप्टन के बीच हुए विवाद को लेकर अब कैप्टन विरेंद्र सेजवाल की ओर से उनके वकील का बयान सामने आया है। बयान में स्पष्ट किया गया है कि कैप्टन विरेंद्र सेजवाल उस समय एक आम यात्री के रूप में यात्रा कर रहे थे और किसी भी तरह की फ्लाइट ड्यूटी पर नहीं थे। वकील के अनुसार, इस घटना का कैप्टन सेजवाल के प्रोफेशन या उनकी नौकरी से कोई संबंध नहीं है और इसे गलत तरीके से पेश किया गया।
वकील की ओर से कहा गया है कि यह मामला पूरी तरह से दो यात्रियों के बीच का निजी विवाद था, जिसे सोशल मीडिया पर गलत रंग देकर सनसनीखेज बनाया गया। बयान में यह भी दावा किया गया है कि सोशल मीडिया पर जो जानकारियां फैलाई गईं, वे एकतरफा थीं और पूरी सच्चाई को सामने नहीं रखती थीं। आरोप लगाया गया कि दूसरे पक्ष ने चुनिंदा तथ्यों को उजागर कर एक गलत कहानी गढ़ी और उसे जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया।
कैप्टन विरेंद्र सेजवाल की ओर से यह भी कहा गया है कि विवाद के दौरान उनके खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां की गईं। इसके अलावा उनके परिवार की महिला सदस्यों और यहां तक कि एक बच्चे को लेकर भी गंभीर धमकियां दी गईं, जिससे उन्हें और उनके परिवार को मानसिक रूप से गहरा आघात पहुंचा।
विवाद की शुरुआत को लेकर क्या कहा गया?
कैप्टन सेजवाल की ओर से बताया गया कि विवाद की शुरुआत दूसरे यात्री द्वारा बिना किसी उकसावे के गाली-गलौज से हुई। कई बार समझाने और रोकने के बावजूद वह यात्री लगातार अपमानजनक और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करता रहा। स्थिति बिगड़ने पर बात हाथापाई तक पहुंच गई, जिसमें कैप्टन सेजवाल को भी चोटें आईं। घटना के दौरान मौके पर मौजूद CISF के जवानों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। हालांकि, आरोप है कि CISF के जवानों के सामने भी दूसरा यात्री शांत नहीं हुआ और आक्रामक व्यवहार करता रहा।
CISF की मौजूदगी में सुलझा मामला
आखिरकार यह मामला CISF अधिकारियों की मौजूदगी में वहीं सुलझा लिया गया। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से लिखित बयान पर हस्ताक्षर किए और यह स्पष्ट किया कि वे किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते। बयान में यह भी साफ किया गया कि समझौता पूरी तरह स्वेच्छा से किया गया और इसमें किसी भी तरह का दबाव या जबरदस्ती नहीं थी।
इस संबंध में CISF ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि दोनों पक्षों को शिकायत दर्ज कराने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने स्वयं ही किसी भी कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया।
‘इस निजी घटना को प्रोफेशन से जोड़ना पूरी तरह गलत’
कैप्टन विरेंद्र सेजवाल की ओर से यह भी कहा गया है कि इस निजी विवाद को उनके प्रोफेशन से जोड़ना पूरी तरह गलत और भ्रामक है। उनके अनुसार, यह सिर्फ सोशल मीडिया पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश है, जबकि मामला पहले ही सुलझ चुका है। कैप्टन सेजवाल ने भरोसा जताया है कि संबंधित अधिकारी पूरे मामले को निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर देखेंगे। उन्होंने मीडिया और आम जनता से अपील की है कि वे केवल सत्यापित और पुख्ता जानकारी पर ही भरोसा करें तथा एकतरफा या भ्रामक सूचनाओं को फैलाने से बचें, ताकि किसी की छवि को अनावश्यक रूप से नुकसान न पहुंचे।
