सरकार नहीं चाहती चुनाव सुधार, हमें EVM देखने के लिए दी जाए : राहुल गांधी
punjabkesari.in Tuesday, Dec 09, 2025 - 05:11 PM (IST)
Rahul Gandhi Speech in Loksabha : लोकसभा में सोमवार को चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर तीखे आरोप लगाए और कहा कि देश में चुनाव सुधार बेहद जरूरी हैं लेकिन सरकार इसके लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि वोट चोरी एक एंटी नेशनल काम है और इसे रोकने के लिए चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाना होगा। राहुल गांधी ने मांग की कि मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट सभी राजनीतिक दलों को चुनाव से एक महीने पहले उपलब्ध कराई जाए। सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने के नियम बदले जाएं और विपक्ष को ईवीएम देखने के लिए दी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार इन सुधारों को लागू करने से बच रही है, क्योंकि उसे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता पसंद नहीं है।
राहुल गांधी का दावा-
राहुल गांधी ने दावा किया, ''हरियाणा और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी साबित हुई है। हरियाणा में एक ब्राजीलियन महिला की तस्वीर वोटर लिस्ट में 22 बार छपी मिली, जबकि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के बाद एक लाख 22 हजार डुप्लीकेट फोटो सामने आए।'' इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिर्ला ने राहुल गांधी को सदन की गरिमा बनाए रखने की नसीहत देते हुए कहा कि विरोध का तरीका मर्यादित होना चाहिए। राहुल ने कहा कि वह विवादित तस्वीरें सदन में दिखाना नहीं चाहते, लेकिन यह चुनाव चोरी का गंभीर मामला है।

सरकार पर लगाए संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करने के आरोप
राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करने का आरोप लगाया और कहा, ''सीबीआई, ईडी और चुनाव आयोग पर एक संगठन से जुड़े लोगों का नियंत्रण है। उन्होंने दावा किया कि दिसंबर 2023 में नियम बदलकर चुनाव आयुक्तों को दंडित न किए जा सकने का प्रावधान जोड़ा गया और सीजेआई को सीईसी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर किया गया, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक कदम है।'' उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है और यह मुद्दा केवल डेटा का नहीं बल्कि चुनाव और जनता के अधिकारों का है।
सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ा विरोध जताया, लेकिन राहुल ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है और उनके पास अपने दावों के समर्थन में प्रूफ मौजूद हैं। बहस के दौरान सदन में तीखी नोकझोंक हुई और वातावरण गरम हो गया। अब इस मुद्दे पर आगे राजनीतिक प्रतिक्रिया और चुनाव सुधारों पर सरकार की स्थिति पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
