जम्मू और अमृतसर में बढ़े जीपीएस स्पूफिंग हमले, भारतीय विमानों की सुरक्षा पर उठे सवाल
punjabkesari.in Thursday, Mar 27, 2025 - 11:06 AM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत और इजरायल के बीच दोस्ताना संबंधों में सामने आई नई रिपोर्ट ने चिंता का विषय पेश किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की GPS Spoofing Techniques भारतीय हवाई जहाजों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। इस हमले का असर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर देखा जा रहा है। जहां अमृतसर और जम्मू जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में aircraft navigation system पर हस्तक्षेप की घटनाएं सामने आई हैं।
इजरायल द्वारा जीपीएस स्पूफिंग हमले-
रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल सीमा के पास GPS Spoofing Techniques हमले कर रहा है। बीते 15 महीने यानि की नवंबर 2023 से फरवरी 2025 के बीच 465 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें ज़्यादातर घटनाएं अमृतसर और जम्मू क्षेत्रों से सामने आई हैं। इन क्षेत्रों में पाकिस्तान की सीमा से जुड़े एयरस्पेस पर अधिक खतरा है।
क्या है जीपीएस स्पूफिंग?
जीपीएस स्पूफिंग एक तकनीक है, जिसमें ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के डेटा को बदलकर विमान या अन्य वाहनों को गलत दिशा में भेजा जाता है। इस तकनीक में नकली सिग्नल भेजे जाते हैं, जो GPS रिसीवर को भ्रमित कर देते हैं और उन्हें गलत जानकारी देते हैं। परिणामस्वरूप, विमान के नेविगेशन सिस्टम को सही दिशा और स्थान की जानकारी नहीं मिलती, जिससे उनकी सुरक्षा प्रभावित होती है।
क्यों है यह खतरे की बात?
जीपीएस स्पूफिंग की वजह से विमान के नेविगेशन सिस्टम में गलत जानकारी आती है। इसका परिणाम यह हो सकता है कि विमान अपने सही मार्ग से भटक सकते हैं, जो संभावित रूप से गंभीर विमान दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। अगर इस तकनीकी खतरे से समय रहते न निपटा गया, तो यह बड़ी सुरक्षा समस्या बन सकती है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में।
सुरक्षा पर प्रभाव-
इस खतरे का सबसे ज्यादा असर सीमा क्षेत्र में हो सकता है, जहां सुरक्षा बेहद अहम होती है। इजरायल की इस तकनीक का इस्तेमाल भारतीय विमानों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है, खासकर जब सीमावर्ती इलाकों में विमान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।