यूनुस सरकार में बढ़ी अराजकता: बांग्लादेश में टैगोर की हवेली पर हमला, भीड़ ने की जमकर तोड़फोड़ (Video)
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 02:18 PM (IST)

Dhaka: बांग्लादेश के सिराजगंज ज़िले के शाहजादपुर क्षेत्र में स्थित नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की पैतृक हवेली "कचहरीबाड़ी" पर मंगलवार को भीड़ ने हमला कर भारी तोड़फोड़ की। ऐतिहासिक विरासत स्थलों पर हिंसा की इस ताजा घटना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।भीड़ ने सभागार, खिड़कियों, दरवाजों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया । घटना के बाद पुरातत्व विभाग ने साइट को तत्काल बंद कर दिया है और जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
On June 10, pro-Pakistan Razakars in Bangladesh attacked Rabindranath Tagore's house.
— ᴅᴇʙᴀᴊɪᴛ ꜱᴀʀᴋᴀʀ🇮🇳 (@debajits3110) June 11, 2025
Because they want to overthrow the Bengali civilization from Bangladesh and impose the Urdu culture of Pakistan.
To save the true value of Bangladesh, it is necessary to eradicate the… pic.twitter.com/kFHfsfYQDw
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, विवाद की शुरुआत मोटरसाइकिल पार्किंग शुल्क को लेकर एक आगंतुक और संग्रहालय कर्मियों के बीच झगड़े से हुई। 8 जून को शाहनवाज़ नामक व्यक्ति अपने परिवार के साथ कचहरीबाड़ी गया था, जहां पार्किंग शुल्क को लेकर बहस हुई। आरोप है कि कर्मचारियों ने शाहनवाज़ को एक कमरे में बंद कर पीटा । इस घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान भीड़ उग्र हो गई और हवेली पर हमला कर दिया। भीड़ ने संग्रहालय परिसर में प्रवेश कर सभागार में तोड़फोड़ की, खिड़कियों के शीशे तोड़े और फर्नीचर तोड़ा ।
रवींद्र कचहरीबाड़ी यानी "Tagore’s Estate Office Home" वह हवेली है जहां टैगोर के पूर्वज सिराजगंज इलाके में अपनी ज़मीनी संपत्ति का प्रबंधन करते थे। यह हवेली अब एक संग्रहालय और स्मारक स्थल के रूप में संरक्षित है कवि रवींद्रनाथ टैगोर स्वयं कई बार यहां आए थे और उन्होंने यहां रहते हुए अपने कई साहित्यिक रचनाएं लिखी थीं। हमले के सिलसिले में 50-60 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिनमें से 10 लोग नामजद हैं । इस घटना ने बांग्लादेश में भीड़तंत्र की बढ़ती घटनाओं को उजागर किया है, विशेष रूप से उन स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है जिनका भारत से ऐतिहासिक या सांस्कृतिक जुड़ाव है।
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में हिंसा और अराजकता की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, और यह घटना उसी की एक और कड़ी मानी जा रही है।
टैगोर की धरोहर पर हमला न केवल एक विरासत पर हमला है बल्कि यह संकेत भी है कि बांग्लादेश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति बेहद नाजुक दौर में है। भारत-बांग्लादेश सांस्कृतिक संबंधों पर इसका असर पड़ सकता है।